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बढ़ती ही जा रही हैं सोयाबीन की कीमतें

Last Updated- December 09, 2022 | 10:27 PM IST

सोयाबीन की आपूर्ति में 30-35 फीसदी तक की कमी होने के कारण पिछले 15 दिनों से सोयाबीन की कीमतें रोजाना बढ़ रही हैं।


नए साल की पहली तारीख को सोयाबीन के भाव 1950 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि 16 जनवरी को इसकी बिक्री 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुई। कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी से सोयाबीन के उत्पादन को लेकर भी विभिन्न तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

सोया मिल मालिकों का कहना है कि उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम है, वहीं सोपा का दावा है कि सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 8 लाख टन अधिक है।

सोयाबीन की कीमतों में इजाफा के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया केक की कीमतों में लगभग 3000 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।

दिलचस्प है कि सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद सोयाबीन तेल के दाम में कोई इजाफा नहीं है। सोयाबीन तेल की कीमत पिछले 1.5 महीनों से 470-485 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के स्तर पर है।

सोयाबीन ऑयल मिल एसोसिएशन (सोपा) के मुताबिक दक्षिण अमेरिका से कोरिया, थाईलैंड व दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों में सोया केक की आपूर्ति में कमी के कारण इन दिनों भारतीय सोया केक की मांग बढ ग़यी है। इस कारण सोया केक बनाने वाली मिल सोयबीन की खरीदारी बढ़ी हुई कीमत पर कर रही है।

दूसरी बात यह है कि मध्य प्रदेश की मंडी में सोयाबीन की आपूर्ति पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 35 फीसदी कम है। आवक में इतनी जबरदस्त कमी के कारण स्वाभाविक रूप से सोयाबीन की कीमत में उछाल आ गया है।

सोपा के सचिव गिरीश मतलानी ने इंदौर से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जो सक्षम किसान है वह ऊंची कीमत पाने की चाहत में सोयाबीन की आपूर्ति कम कर रहे हैं।

पिछले साल सोयाबीन किसानों को 2700-2800 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिली है इसलिए उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है। लिहाजा इस साल सोयाबीन को मंडी में नहीं भेजने पर भी उनपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।’

मंडी में सोयाबीन की कमी के कारण मिल मालिक कह रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन के उत्पादन में 10 फीसदी तक की गिरावट है।

जबकि सोपा का दावा है कि इस साल 108 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है और इसमें 1-2 लाख टन का फर्क हो सकता है, लेकिन यह पिछले साल (2007-08) के 99.86 लाख टन के स्तर पर नहीं आ सकता है।

मितलानी कहते हैं कि पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन के रकबे में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। ऐसे में उत्पादन में गिरावट का कोई सवाल नहीं होता। हालांकि सरकार ने चालू सीजन के लिए 99.42 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान लगाया है।

नए साल की बढ़त


तारीख                              कीमत
                               (रुपये प्रति क्विंटल में)
1 जनवरी                       1950- 1950
2 जनवरी                       1950-1975
5 जनवरी                       1975-2000
6 जनवरी                       2050-2100
8 जनवरी                       2100-2125
12 जनवरी                     2225-2250
16 जनवरी                     2250-2300
(सभी भाव इंदौर मंडी के)

First Published - January 19, 2009 | 10:23 PM IST

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