दिल्ली के मसाले कारोबारियों को यह पता नहीं है कि शनिवार को मसाले का क्या भाव होगा। वे कहते हैं कि इन दिनों मसाले की कीमत कुछ घंटों में बदल जा रही है।
इसलिए मसाले की करवट किधर होगी, यह कहना काफी मुश्किल है। लेकिन उन्हीं कारोबारियों का यह भी कहना है कि आने वाले समय में मसाले में तेजी रहेगी। काली मिर्च के उत्पादन में कमी है तो जीरे की मांग विदेशों में बढ़ी हुई है। हल्दी तो अपने पीलेपन के सारे रिकार्ड तोड़ चुकी है।
थोक बाजार में गत पांच दिनों के दौरान हल्दी की कीमत में 7 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। मसाले के आयातक एवं दिल्ली किराना कमेटी के सचिव ललित गुप्ता कहते हैं, ‘गुरुवार की दोपहर में काली मिर्च की कीमत 152 रुपये प्रति किलो हो गयी। जबकि रात तक इसकी कीमत 149 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गयी। शुक्रवार को इसकी कीमत 145-150 रुपये प्रति किलो रही। यह सब ‘डब्बा कारोबार’ के कारण हो रहा है।’
सदर बाजार के कारोबारी वायदा कोराबार को डिब्बे के नाम से पुकारते हैं। हालांकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान काली मिर्च की कीमत 160 रुपये प्रति किलो थी। बाजार रुख के मुताबिक आने वाले समय में काली मिर्च की कीमत 200 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है। क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस साल काली मिर्च के उत्पादन में 25 से 30 फीसदी की कमी है। साथ ही आने वाले समय में इसके निर्यात में खासी बढ़ोतरी की संभावना है।
हल्दी की कीमत इन दिनों काफी तेज है। थोक बाजार में पिछले सप्ताह हल्दी की कीमत 36 रुपये प्रति किलो थी जो बढ़कर 42 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गयी है। कारोबारियों का कहना है कि गत 7 मई को चार जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध के बाद मसाले की ओर सटोरियों का रुझान अधिक हो गया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो गत 7 मई को (इस दिन ही चार जिंसों के वायदा पर रोक लगी थी) एनसीडीईएक्स में हल्दी का कुल कारोबार 16,532 लाख रुपये का रहा। 8 मई को यह बढ़कर 20290 लाख रुपये का हो गया। 14 मई तक इसका कारोबार तेजी से बढ़ोतरी के साथ 23329 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कारोबारियों का अनुमान है कि आने वाले समय में हल्दी में अभी और तेजी आएगी।
जीरे का हाल भी कोई सुस्त नहीं है। जीरे के निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना के कारण आने वाले समय में इसकी कीमत भी तेज रहेगी। जीरे की कीमत फिलहाल 90 रुपये प्रति किलो है। गत साल समान अवधि के दौरान इसकी कीमत 105 रुपये प्रति किलो थी। हालांकि तीन साल पहले के मुकाबले इसकी कीमत में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
थोक व्यापारियों के मुताबिक इस मौसम में अबतक 4 लाख बोरी जीरे का निर्यात हो चुका है। एक बोरी में 60 किलोग्राम जीरा आता है। गुंटूर में लाल मिर्च की मंडी में गत सप्ताह आग लगने के कारण इसकी कीमत में भी 10 फीसदी तक की तेजी आ गयी है।
धनिया भी पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी तक तेज है। गत वर्ष की समान अवधि के दौरान धनिया के भाव 40-45 रुपये प्रति किलो थे जो फिलहाल बढ़ोतरी के साथ 60 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गए है। बाजार सूत्रों के मुताबिक इस साल इसके उत्पादन में कमी आयी है लिहाजा आने वाले समय में कीमत तेज रहेगी। मसाले के कारोबारियों का यह भी कहना है कि मसाले में बहुत तेजी की गुंजाइश इसलिए नहीं होती कि इसके उपयोग में कमी करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता।