उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उन्हें गन्ना किसानों को बकाए राशि की भुगतान के लिए आठ हफ्ते और दिए जाएं।
कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख मुकर्रर की है। इससे पहले, 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मिल मालिकों से कहा था कि 2007-08 पेराई सत्र के बकाए राशि का भुगतान चार हफ्ते के अंदर कर दिया जाए। इस अवधि की समय सीमा 12 जून को खत्म हो रही है।
एसोसिएशन का कहना है कि पिछले एक माह के दौरान चीनी की कीमतों में काफी गिरावट आई है, जिससे मिल मालिकों के पास भुगतान के लिए पैसे का संकट खड़ा हो गया है।
यूपीएसएमए के अध्यक्ष और बिरला ग्रुप के चीनी कंपनियों के सलाहकार सी.बी. पाटोदिया ने कहा कि निजी मिल मालिकों ने यूपी के किसानों से 2006-08 के पेराई सत्र में 6,993 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा, जिनमें से 6,150 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और 843 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना बाकी है। इसके लिए कंपनियों ने कुछ और वक्त देने की मांग की है।
इससे पहले राज्य सरकार ने गन्ना की कीमत 135-130 रुपये प्रति क्विंटल तय की, जिसे मिल मालिकों ने ज्यादा बताया और रकम देने से मना कर दिया। उसके बाद मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा जहां 110 रुपये प्रति क्विंटल देने की बता कही गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को जारी रखा। उधर, बकाया राशि के भुगतान में की जा रही देरी से आहत गन्ना किसानों ने किनौनी स्थित बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड शुगर मिल पर धावा बोल कंपनी पर ताला जड़ दिया।