कॉफी से जुड़ी तमाम चीजों को समझने के लिए देश का कॉफी बोर्ड बाजार के विस्तृत सर्वेक्षण की योजना बना रहा है।
इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कॉफी बोर्ड ने देश की प्रतिष्ठित मार्केटिंग एजेंसियों से इसके लिए प्रस्ताव मांगा है। कॉफी बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य इस साल देश में कॉफी की मांग का अंदाजा लगाना, घरेलू उपभोग की प्रवृत्तियों की पहचान करना और लोगों की कॉफी पीने की आदतों का अध्ययन करना है।
मालूम हो कि देश में इस वक्त 2.80 लाख टन कॉफी का उत्पादन होता है। इसमें से 29 फीसदी यानि 80 हजार टन कॉफी की खपत घरेलू स्तर पर होती है, जबकि शेष बचे माल का निर्यात हो जाता है। कॉफी बोर्ड की योजना है कि देश में कॉफी की खपत को बढ़ाया जाए। उसकी कोशिश है कि इसकी घरेलू खपत को बढ़ाकर कम से कम 50 फीसदी तक तक किया जाए।
इसी प्रकार की एक कोशिश बोर्ड ने 2006 में भी की थी। पर इस बार इस सर्वेक्षण के लिए बोर्ड ने ब्राजील के जाने माने मार्केटिंग सलाहकार कार्लोस ब्रैंडो की मदद ली है। ये वही शख्स हैं जिन्होंने ब्राजील को कॉफी के सबसे बड़े निर्यातक से कॉफी के बड़े उपभोक्ता में बदल दिया। ब्रैंडो ने 2006 और 2007 में भारत के पिछले दोनों दौरों में बोर्ड के अधिकारियों से इस बारे में बात की है और उन्हें देश में कॉफी की खपत बढ़ाने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं।
उसने अपारंपरिक क्षेत्रों में भी कॉफी की बिक्री को बढाने के लिए एक विस्तृत मार्केटिंग प्लान बनाने की सलाह बोर्ड को दी है। इस सर्वेक्षण में ग्रामीण और शहरी इलाकों के उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जो उपभोग के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे। इस बार का सर्वे यह भी बताएगा कि पेय पदार्थों की कुल खपत में कॉफी का कितना हिस्सा है। इस सर्वे से कॉफी की घरेलू खपत की प्रवत्तियों को समझने में भी मदद मिलेगी।