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टाटा पावर : मुंद्रा संयंत्र को मिली ऋण की रोशनी

Last Updated- December 05, 2022 | 7:02 PM IST

टाटा पावर का मुंद्रा बिजली संयंत्र शुरू होने का रास्ता साफ होता जा रहा है। इस संयंत्र का काम शुरू करने के लिए जरूरी कर्ज राशि जो करीब 16,000 करोड़ रुपये है, जल्द ही मिलने की उम्मीद है।


गुजरात के मुंद्रा तट पर बनने वाले इस संयंत्र के लिए टाटा ने दक्षिण कोरिया के एक्जिम बैंक, और एशियन डेवलपमेंट बैंक वगैरह से उधार लेने की योजना बनाई है। इस ताप विद्युत संयंत्र की क्षमता 4000 मेगावाट है। पीटी कल्तिम प्राइमा कोल के मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक मित्र ने यह जानकारी दी।


कल्तिम इंडोनेशिया की पीटी बूमि रिसोर्स की एक इकाई है जिसमें टाटा पावर ने हाल ही में 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। मित्रा ने कहा कि संयंत्र की कुल लागत का 75 फीसदी हिस्सा ऋण से जुटाया जाएगा।


तेजी से विकसित होती भारतीय अर्थव्यवस्था में बिजली की मांग भी बहुत तेजी से बढ़ रही है और टाटा पावर  इस बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए ही अपनी मौजूदा विद्युत क्षमता में 9350 मेगावाट और जोड़ना चाहती है। मुंद्रा बिजली संयंत्र इसी कवायद का एक हिस्सा है। करीब 8 फीसदी की विकास दर के चलते बिजली की मांग, आपूर्ति की तुलना में काफी बढ़ गई है और बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ता है।


पीटीसी के अध्यक्ष टीएन ठाकुर  कहते हैं कि  भारत में बिजली का बाजार कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील है और कंपनियां ऊंची कीमत पर बिजली नहीं दे सकती हैं।टाटा पावर ने पिछले साल इंडोनेशिया की दो कोयला खदानों में 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।


यह सौदा 520 करोड़ रुपये में हुआ था। मित्रा बताते हैं कि बिजली की कीमतों के आधार पर  इंडोनेशियाई खदानों से अगले 25 सालों तक कोयले की आपूर्ति होगी। बड़े बिजली संयंत्रों के लिए प्रतियोगी कीमतों पर कोयले खरीदना काफी मुश्किल होता है।


मित्रा ने बताया कि  टाटा पावर ने सिंगापुर में एक कंपनी खोली है जो पानी के जहाज खरीदेगी और  इंडोनेशिया से मुंद्रा संयंत्र तक कोयला पहुंचाने के लिए लीज पर देगी। फिलहाल मालभाड़ा काफी ज्यादा है और जहाजों की अपनी एक इकाई खोलने से कं पनी कीमतों पर काबू रख सकेगी।


मुंद्रा संयंत्र के लिए जमीन खरीदी जा चुकी है और इस पर काम अक्तूबर में शुरू हो जाएगा। टाटा इस संयंत्र के लिए बॉयलर दूसन कॉर्प से खरीद रही है जबकि टरबाइन के लिए तोशिबा कॉर्प को ऑर्डर दिया गया है। मित्रा को उम्मीद है कि एडीबी इस परियोजना में शेयर खरीद सकती है। गौरतलब है की मुंद्रा बिजली संयंत्र 4000 मेगावाट क्षमता वाली 3 बिजली परियोजनाओं में से एक है जिन्हें गुजरात सरकार ने मंजूरी दी है।

First Published - April 4, 2008 | 12:33 AM IST

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