साल की पहली छमाही में निजामाबाद के हाजिर बाजार में हल्दी की आवक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 14.76 प्रतिशत घट कर 49,091 टन हो गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि आवक में कमी की वजह उत्पादन में कमी का अनुमान है। आंध्र प्रदेश का निजामाबाद हल्दी का सबसे बड़ा हाजिर बाजार है। देश के इस राज्य में हल्दी का उत्पादन सबसे अधिक होता है।
निजामाबाद एग्रीकल्चरल प्रोडयूस मार्केटिंग कमिटी के सचिव एम बंसीलाल ने कहा कि पिछले वर्ष की समान अवधि में बाजार में 57,589 टन हल्दी की आवक हुई थी। जून 2008 में आवक 42.81 प्रतिशत घट कर 1,731 टन रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 3,027 टन था। उन्होंने कहा, ‘हल्दी की आवक का मुख्य सीजन अब लगभग खत्म हो चुका है। अब बाजार में बहुत कम आवक हो रही है।’
बाजार में हल्दी के आने की शुरुआत जनवरी के मध्य से हो जाती है और मार्च से इसकी आवक में तेजी आती है। आवक का मुख्य सीजन जून तक होता है। कारोबारियों का अनुमान है कि खेती के क्षेत्र में कमी और मार्च में हुई बेमौसम बारिश से साल 2008 में उत्पादन पिछले साल के 54 लाख बैग से घट कर 42 लाख बैग हो सकता है। एक बैग का वजन 70 किलो होता है।
नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के आंकड़ों के मुताबिक निजामाबाद के हाजिर बाजार में हल्दी की कीमत इस वर्ष लगभग 4,100 रुपये प्रति क्विंटल रही है जो पिछले वर्ष के जून महीने की 2,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर की लगभग दोगुनी है।