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दिखने लगा डयूटी कट का असर

Last Updated- December 05, 2022 | 5:03 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती के फैसले का असर दिखने लगा है। खाद्य तेलों की कंपनियों ने तेल के भाव में गिरावट की शुरुआत कर दी है।


सरकार ने कच्चे व रिफायंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती की है। बीते दो दिनों के दौरान सरसों तेल, पामऑयल व बिनौला की कीमतों में 2 से 6 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट देखी गई है। आयात शुल्क में कमी के बाद वनस्पति बेचने वाली प्रमुख कंपनियां केएस ऑयल लिमिटेड, गोकुल ग्रूप, मुंबई स्थित भारत फुड्स, लिबर्टी ऑयल मिल व अदनी विल्मर ने कुछ खाद्य तेलों की कीमत को कम करना शुरू कर दिया है।


गोकुल ग्रुप के एमडी कनुभाई ठक्कर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि गोकुल रिफोऑयल ने पामऑयल की कीमत में 4 रुपये प्रतिकिलो की कमी की है। पहले यह 59-60  रुपये प्रतिकिलो के स्तर पर था जो गिरकर 55 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। तेल उद्योग से जुड़ी एक अन्य प्रमुख कंपनी ने रविवार को सरसों तेल में 2 रुपये प्रतिकिलो की कमी करने की घोषणा की।


कंपनी ने बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि खाद्य तेल उद्योग में आगे होने के नाते इस कंपनी ने उपभोक्ताओं को भी तेल की कीमत में कमी का लाभ देने का फैसला किया। इससे खुदरा स्तर पर अधिक मांग निकलेगी और पहले से अधिक मात्रा में तेलों की बिक्री होगी। इससे व्यापारियों को अधिक लाभ होगा। आयात शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेलों की कीमत कम करने वाली कंपनियों में इनके अलावा लिबर्टी ऑयल मिल्स, भारत फुड्स व अदनी विल्मर भी शामिल हैं।


आयात शुल्क में कटौती का सबसे अधिक असर पामऑयल पर देखा गया है। पामऑयल की कीमत में 4 से 5 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट हुई है। वर्तमान में अहमदाबाद के बाजार में 15 किलोग्राम पामऑयल की कीमत 930 रुपये है। अहमदाबाद ऑयल मचर्ेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेशभाई शाह ने बताया कि कुछ दिन पहले तक 15 किलोग्राम पामऑयल की कीमत 1050 रुपये थी। उसी तरीके से सरसों के तेल व बिनौला के तेल के दाम में भी कमी आई है।


इन दोनों में 2 से 3 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट देखी गई है। कीमत में कमी के बाद 15 किलोग्राम बिनौला की कीमत 1000 रुपये बताई जा रही है वही 15 किलोग्राम सरसों तेल की कीमत 890 रुपये के स्तर पर है।सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार के फैसले से निश्चित रूप से खाद्य तेलों की कीमत में कमी आएगी।


असलियत यही है कि इसके बाद से कंपनियों ने तेल के दाम में गिरावट शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि केंद्र  सरकार ने बढ़ती महंगाई व खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश के लिए गत गुरुवार को खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की थी।


खाद्य तेलों के मामले में भारत चीन के बाद से दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है। आयात शुल्क में 20 से 45 फीसदी तक की कटौती की गई है।रिफायंड पामऑयल पर लगने वाले आयात शुल्क को 52.5 फीसदी से घटाकर 27.5 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन सोया तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को पुराने स्तर पर कायम रहने दिया गया।

First Published - March 26, 2008 | 12:25 AM IST

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