महंगाई पर अंकुश लगाने की कड़ी में सरकार ने आज बासमती चावल के निर्यात को हतोत्साहित करने के इरादे से इस पर 8,000 रुपये प्रति टन का निर्यात अधिभार थोप दिया है।
यही नहीं सरकार ने बासमती चावल के निर्यात मूल्य में भी कटौती कर इसे 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 1,000 टन तक कर दिया है।इंडिया गेट ब्रांड से बासमती चावल का कारोबार करने वाली केआरबीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल मित्तल के मुताबिक, यह डयूटी बासमती के कारोबार पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।
उनके अनुसार, हमने अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर दिया है और उनसे इस वृद्धि के बारे में प्रतिक्रिया मांगी है। मालूम हो कि इस कंपनी ने 30,000 टन बासमती चावल के निर्यात का ठेका लिया हुआ है। इस खबर के बाद मंगलवार को मुंबई के बीएसई में केआरबीएल के शेयर में लगभग 5 फीसदी की जबरदस्त गिरावट देखी गयी और इसका शेयर 138.75 रुपये पर बंद हुआ। इसी तरह की गिरावट दूसरी और बासमती चावल की कंपनियों में भी देखी गयी।
भारत में उपजाए जाने वाले कुल बासमती चावल के 80 फीसदी यानि 12.8 लाख टन का निर्यात करता है। साल 2006-07 में 2,792 करोड़ रुपये मूल्य के 10.45 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया था। वहीं वित्तीय वर्ष 2007-08 में अप्रैल से नवंबर के दौरान 2,028 करोड़ रुपये के 6.48 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था। अभी पिछले ही महीने सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर मिलने वाली डयूटी इन्टाइटलमेंट पासबुक(डीईपीबी) स्कीम लाभ को वापस ले लिया था।