धातुओं की कीमतों में अगले हफ्ते काफी उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाया जा रहा है। दुनिया भर में तेजी से बढ़ती महंगाई दर को इसकी वजह बताया जा रहा है।
महंगाई दर ने खासकर तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं को निशाना बना रखा है। भारत और चीन जैसे देशों की सरकारों ने महंगाई को काबू में करने के लिए मुहिम चला रखी है। ऐसे में बुनियादी ढ़ाचे के विकास से इन देशों का ध्यान थोड़ा भटक सकता है, जिसके चलते वैश्विक स्तर पर धातुओं की मांग पर दवाब पड़ सकता है।
उम्मीद की जा रही है कि चिली की कोडेल्को खदान में जारी हड़ताल जल्द ही खत्म हो सकती है जिसके चलते तांबे की आपूर्ति और बेहतर हो जाएगी। गौरतलब है कि 16 अप्रैल को शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से कोडेल्को में तीन खदानों को बंद करना पड़ा था। कुछ छुपा हुआ स्टॉक के आने के बाद से कीमतों ने और नीचे का रुख किया है। आनंद राठी में एक विश्लेषक नवनीत दमानी कहते हैं कि अभी तांबे की कीमतों में और कमी आने की संभावना है।
दूसरी ओर चीन में भूकंप की वजह से चीन में 5,00,000 टन जस्ता बर्बाद हो गया है। जिसकी वजह से इसकी कीमतों में तेजी आ गई थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जस्ते में तेजी का रुख अभी और कायम रह सकता है।
दुनिया में धातुओं का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश चीन में कुछ जगहों पर उत्पादन रोक दिया गया है। इसमें बोसाई मिनरल ग्रुप के 1,20,000 टन क्षमता वाले एल्यूमीनियम संयंत्र और शिचुआन होंगडा केमिकल इंडस्ट्री के 1,00,000 टन जस्ता संयंत्र का काम रोक दिया गया है।
धातुओं की कीमत काफी हद तक डॉलर की दूसरी मुद्राओं के मुकाबले कीमत पर भी निर्भर करेगी खासकर यूरो के मुकाबले डॉलर की कीमत काफी असर डालेगी। एक विश्लेषक कहते हैं कि यदि डॉलर में मजबूती जारी रही तो धातुओं की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। दुनिया में धातुओं के कारोबार के सबसे बड़े एक्सचेंज लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में धातुओं की कीमत में फंडामेंटल सपोर्ट का रुख रहा।
एल्युमीनियम की कीमतों में पिछले हफ्ते 5 फीसदी की कमी आई और कीमतें 2,990 रुपये प्रति टन के स्तर पर पहुंच गईं। जबकि जस्ते की कीमतों में 7.60 फीसदी का सुधार देखा गया और इसकी कीमतें 2,323 डॉलर प्रति टन हो गईं। तांबे और सीसे की कीमतों में हफ्ते के आधार पर रेकॉर्ड उछाल आया।
तांबे की कीमतें 2.34 फीसदी उछलकर 8,470 डॉलर प्रति टन तक जा पहुंची तो सीसा 3.07 फीसदी चढ़कर 2,300.5 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं। जबकि टिन में 2.19 फीसदी का उछाल आकर कीमतें 25,400 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं। वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में मई अनुबंध के लिए एल्युमीनियम की कीमतों में 6.58 फीसदी का उछाल आया और कीमतें 126.30 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं।
टिन के मई अनुबंध की कीमतों में 7.74 फीसदी का उछाल आया और कीमतें 109.75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। इसके अलावा निकल की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। निकल के जुलाई अनुबंध की कीमतें 1.92 फीसदी तक गिरकर 1,150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। जस्ते के मई अनुबंध की कीमतों में 4.71 फीसदी की तेजी आई और कीमतें 96.65 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं।