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बहुत नहीं बढ़ेगा अनाज का उत्पादन इस साल

Last Updated- December 08, 2022 | 10:06 AM IST

संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी संस्था खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने संभावना जताई है कि बेहतर मौसम के बावजूद इस साल भारत में अनाज का उत्पादन लगभग पिछले साल जितना ही रहेगा।


पूरी दुनिया में विभिन्न फसलों के उत्पादन पर निगाह रखने वाले इस संगठन की ओर से जारी ताजा रपट में बताया गया है कि भारत में अनाज के उत्पादन में इस साल थोड़ी वृद्धि ही होगी। महज 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2008 के दौरान देश में अनाज का उत्पादन 26.13 करोड़ टन हो जाएगा।

मालूम हो कि पिछले साल उत्पादन का आंकड़ा 26.09 करोड़ टन रहा था। बेहतर उत्पादन होने से धान का उत्पादन आंकड़ा 14.7 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है जो पहले 14.46 करोड़ टन रहा था। इसी प्रकार गेहूं उत्पादन भी 7.58 करोड़ टन से बढ़कर 7.8 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है।

फिलहाल गेहूं की मौजूदा सीजन के लिए बुआई का काम प्रगति पर है। काफी जगहों पर तो यह पूरा भी हो गया है। बेहतर मौसम और बाजार में इसकी अच्छी कीमत के चलते इस बार गेहूं का रकबा भी बढ़ा है। सरकार की नीतियां भी इसके उत्पादन को प्रोत्साहित करने की है।

गौरतलब है कि सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) कर दिया है। ऐसे में किसानों की रुचि इसके प्रति बढ़ी है। एफएओ का मानना है कि अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते गेहूं उत्पादन का नया रिकॉर्ड बना सकता है।

नवंबर के आखिर तक गेहूं का रकबा पिछले साल की तुलना में कम रहा है, क्योंकि इस बार पिछले बार की तुलना में गेहूं की बुआई देर से शुरू हुई है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार के ज्यादातर इलाके की मिट्टी नम रहने से गेहूं की बुआई देर से हो सकी।

दूसरी ओर मोटे अनाजों की उपज में 10 फीसदी कमी का अनुमान इस संस्था ने जताया है। पिछले बार के 4.05 करोड़ टन के मुकाबले इस बार इसका उत्पादन 3.63 करोड़ टन होने का अनुमान है।

First Published - December 19, 2008 | 10:38 PM IST

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