सब्जी और खाद्य तेल के समर्थन में दाल की कीमत में भी तेजी के आसार हैं। साथ ही राजस्थान में मूंग की फसल में कमी की संभावना व महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में कम बारिश के कारण दाल के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है।
कारोबारियों का कहना है कि अगले दो महीनों तक बारिश होती रही तब तो चने की बिजाई अच्छी होगी, अन्यथा चने की बिजाई में भी मुश्किलें होंगी। इस बार बारिश समय से पहले शुरू होने के कारण चने की बिजाई के वक्त बारिश की कमी की आशंका जाहिर की जा रही है।
बाजार में दाल की कीमत को स्थिर रखने के लिए सरकार ने अपनी कवायद शुरू कर दी है। गत 3 जुलाई को सरकार की तरफ से विभिन्न किस्मों की 3400 टन दालों की बिक्री की गयी। चार दिन पहले यानी कि 10 जुलाई को सरकारी एजेंसी पीईसी ने फिर से दालों की बिक्री के लिए निविदा जारी दी है।
लारेंस रोड स्थित दाल मिल एसोसिएशन के मुताबिक इस साल दाल का उत्पादन ठीक है फिर भी तेजी जारी रहेगी। असोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। खाद्य तेल महंगा हो गया है। सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। लिहाजा दाल की मांग तेज हो गयी है। बारिश के मौसम में दाल के उत्पादन में कमी आ जाती है। वे कहते हैं कि किसी चीज की मांग अधिक हो और उत्पादन कम हो तो कीमत में तेजी तो लाजिमी है।
हालांकि दाल की कीमत में एक महीने के दौरान 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आयी है। अगले दो महीनों में 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की और तेजी हो सकती है। कारोबारियों के मुताबिक इस साल राजस्थान में लगातार बारिश होने की वजह से मूंग की बिजाई में कमी आयी है। बारिश के कारण मूंग की बार-बार बिजाई की गयी जिससे फसल के दबने की आशंका पैदा हो गयी है। उनका यह भी कहना है कि लगातार दो महीने तक बारिश होती रही तभी चने की बिजाई उचित मात्रा में हो पाएगी। लेकिन बारिश बंद हो जाने की स्थिति में मिट्टी से नमी खत्म होने पर चने के बिजाई क्षेत्र में भी कमी हो सकती है।
दाल मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक दाल की कीमत उसकी पैदावार और वायदा कारोबार पर निर्भर करेगा। उनका कहना है कि कीमत पर नियंत्रण के लिए टूर व चने के वायदा कारोबार पर लगी पाबंदी को जारी रखना जरूरी है। कारोबारियों यह भी कह रहे हैं कि कीमत में तेजी की आशंका के मद्देनजर सरकार लगातार दाल की आपूर्ति कर रही है।
3 जुलाई को स रकार ने तूर, लेमन तूर और चने की दाल की कुल 3400 टन की बिक्री की। आगामी 17 जुलाई को लगभग इतनी ही मात्रा में और दालें बेची जाएंगी। सरकारी एजेंसी पीईसी ने तूर 23770 रुपये प्रति टन, लेमन टूर 27180 रुपये प्रति टन व 24270 रुपये प्रति टन चने की दाल की बिक्री की। व्यापारियों के मुताबिक इन दालों को तैयार करने में 3-4 रुपये प्रति किलोग्राम का अतिरिक्त खर्च आएगा।