चीन में खाद्य तेल के प्रवाह की धार मजबूत होने से भारतीय बाजार में तेल की कीमत की धार पतली होती जा रही है। पामोलीन तेल का बाजार 25-40 फीसदी तक गिर चुका है।
चीन में 8 अगस्त से ओलंपिक खेल शुरू होने जा रहा है। लिहाजा चीन खाद्य तेल के दाम को स्थिर रखने के लिए अपने बफर स्टॉक को लगातार जारी कर रहा है। इस कारण मलेशिया में क्रूड पामोलीन ऑयल (सीपीओ) का स्टॉक बढ़ता जा रहा है और कीमत घटती जा रही है।
पामोलीन के आयातकों के मुताबिक फिलहाल चीन के स्टॉक खाली करने के कारण पामोलीन के दाम में इतनी गिरावट आयी है। आयातक हरमीत खुराना कहते हैं, ‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति काफी अच्छी है। जबकि उस मुकाबले खरीद की गति धीमी है। चीन पामोलीन का सबसे बड़ा आयातक है और वह इन दिनों तेल खरीदने की जगह अपने बफर स्टॉक को निकाल रहा है।’
उनके मुताबिक पामोलीन की कीमत 4300 रिंगिट प्रति टन के स्तर पर चली गयी थी जो गिरकर 2850 के स्तर पर आ गयी है। मलेशिया में सीपीओ के भाव लगातार गिर रहे है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयलग ट्रेडर्स एसोसिएशन (डिवोटा) के महासचिव हेमंत गुप्ता क हते हैं, ‘सिर्फ चार दिनों में 12 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आ चुकी है। चार दिन पहले जो कीमत 54.50 रुपये प्रति किलोग्राम थी वह 42.50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गयी हैं।’