टमाटर के ऊंचे दाम से उपभोक्ताओं को कम-से-कम अगले पखवाड़े तक तो राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
दिल्ली की थोक मंडी में इसके दाम 15.25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। कृषि उत्पाद विपणन समिति के मुताबिक आजादपुर मंडी में 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच टमाटर की सबसे बेहतरीन किस्म की कीमत 20 फीसदी चढ़ चुकी है।
देश की इस सबसे बड़ी थोक मंडी में 3 अप्रैल को टमाटर का भाव जहां 12.75 रुपये प्रति किलो था, वहीं 4 अप्रैल को यह 14.5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। खुदरा बाजार में भी टमाटर के दाम आसमान को छू रहे हैं। फिलहाल यहां एक किलो टमाटर की कीमत 20 से 28 रुपये के बीच है। सब्जियों की इस आसमानी भाव का ही परिणाम है कि 22 मार्च को बीते सप्ताह में महंगाई की दर रिकॉर्ड 7 प्रतिशत को छू चुकी है।
एक थोक व्यापारी की मानें तो टमाटर की इतनी ऊंची कीमत की वजह बाजार में नयी फसल के आने में हो रही देर है। उसके अनुसार, इसकी नयी फसल के आते ही आगामी एक दो पखवाड़े में स्थिति सामान्य हो जाएगी। एक दूसरे थोक व्यापारी जगदीश प्रसाद के अनुसार फिलहाल टमाटर की आवक गुजरात और पश्चिम बंगाल से हो रही है जो बहुत ही कम है।
अगले पखवाड़े से जब जयपुर(राजस्थान), मेरठ(उत्तर प्रदेश) और लदवा(हरियाणा) से टमाटर की आपूर्ति होने लगेगी, तब इसकी कीमत पर अंकुश लगना तय है। ऐसा नहीं है कि इसकी बढ़ती कीमत से दिल्ली ही परेशान है। देश के दूसरे राज्य भी टमाटर की इतनी ऊंचे भाव से बेहाल हैं। बीते एक महीने में हिमाचल प्रदेश में इसके थोक दाम में 900 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हो चुकी है।
1,300 रुपये प्रति क्विंटल बिकनेवाला टमाटर एक महीने बाद ही 2,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। कर्नाटक में भी यह 450 से 850 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 500 से 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। पंजाब की कहानी भी कोई अलग नहीं है। 700 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर आज यह 900 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।