हाजिर बाजार में मांग में आई तेजी और गोदामों का भंडार घटने से वायदा कारोबार में मसाले की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
नैशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में जनवरी अनुबंध का जीरा 49 रुपये बढ़कर 10,539 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसका कारोबार 75 टन का हुआ। फरवरी सौदे में भी 65 रुपये की तेजी हुई और यह 10,450 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंचा।
इसका कारोबार 60 टन का हुआ। गुजरात स्थित ऊंझा के हाजिर बाजार में जीरे की कीमत बढ़कर 10,630 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। काली मिर्च का सर्वाधिक सक्रिय दिसंबर अनुबंध 70 रुपये बढ़कर 10,221 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इसका कारोबार 35 टन का हुआ।
जनवरी अनुबंध भी 85 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 10,280 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। कोच्चि में काली मिर्च का हाजिर मूल्य घटकर 10,533 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। गौरतलब है कि हाजिर बाजार में सीमित आवक एवं कुछ मसालों का उत्पादन घटने के भय से वायदा बाजार में काली मिर्च की कीमतें प्रभावित हुईं।
प्रमुख आयातक देशों में ऋण संकट की वजह से काली मिर्च का निर्यात अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 35 फीसदी घटकर 14,750 टन रह गया। हल्दी का दिसंबर अनुबंध 18 रुपये बढ़कर 3,731 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसका कारोबार 450 टन का हुआ।
अप्रैल अनुबंध में भी 20 रुपये की तेजी हुई और यह 3,320 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। इसका कारोबार 2,380 टन का हुआ। आंधप्रदेश के निजामाबाद में हल्दी की कीमत बढ़कर 3,866 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।