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बांग्लादेश को आलू निर्यात का इच्छुक है पश्चिम बंगाल

Last Updated- December 05, 2022 | 6:59 PM IST

पश्चिम बंगाल में आलू की हुई रेकॉर्ड पैदावार ने राज्य सरकार को परेशानी में डाल दिया है।


बाजार में मौजूद अतिरिक्त आलू को पश्चिम बंगाल सरकार बांग्लादेश भेजना चाहती है और इस बाबत केंद्र सरकार से इजाजत मांगी है।राज्य के कृषि मार्केटिंग मंत्री अब्दुल रााक मोल्लाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि बाजार में मौजूद अतिरिक्त आलू केबारे में सरकार चिंतित है क्योंकि राज्य में इतने कोल्ड स्टोरेज नहीं है कि इस साल हुई रेकॉर्ड आलू की पैदावार को सुरक्षित रखा जा सके।


उन्होंने कहा – हमें आलू का निर्यात बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से बांग्लादेश को आलू निर्यात की अनुमति मांगी है। इसके अलावा राज्य सरकार ने आलू सुरक्षित रखने के लिए खुद का कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना बनाई है।


मंत्री ने कहा कि हम निजी कारोबारियों के साथ मिलकर आलू की मार्केटिंग करते हैं, लेकिन कानूनन हम आलू खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं। अगले साल से हम आलू खरीद का लक्ष्य तय करेंगे और अपना बिजनेस डिवेलप करेंगे। इसके लिए हमें मोटी रकम के निवेश की दरकार होगी और अपना कोल्ड स्टोरेज भी बनाना होगा। राज्य में फिलहाल आलू के लिए करीब 370 कोल्ड स्टोरेज है और इसकी कुल कपैसिटी 53 लाख टन है।


पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन के उपाध्यक्ष पाटिल पवन डे ने कहा कि ज्यादातर कोल्ड स्टोरेज हाउसफुल हैं। सिर्फ हुगली और वर्धमान स्थित कोल्ड स्टोरेज में थोड़ी बहुत जगह बची हुई है।


हालांकि किसान इन खाली कोल्ड स्टोरेज में आलू ढोकर ले जाना पसंद नहीं कर रहे क्योंकि आलू की कीमतें पहले ही काफी कम हो गई हैं।पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों को आलू की कीमत बिल्कुल आधी मिल रही है यानी यह प्रति 50 किलो 100 रुपये के स्तर पर है। राज्य ने इस साल एक लाख टन आलू की खरीद 2.5 रुपये प्रति किलो के दर से की है।

First Published - April 2, 2008 | 11:47 PM IST

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