गेहूं की रेकॉर्ड पैदावार और किसानों को ऊंचा समर्थन मूल्य मिलने से सरकार को इस साल गेहूं की खरीद 2.10 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आलोक सिन्हा ने कहा – गेहूं की खरीद पहले ही 1.98 करोड़ टन पर पहुंच चुकी है और हमें इसके 2.10 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गेहूं के वितरण के लिए पिछले साल 1.11 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी, जबकि उसका लक्ष्य 1.50 करोड़ टन गेहूं की खरीद का था।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश की विभिन्न मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक करीब ढाई लाख टन रही और ऐसा अनुमान है कि आवक में यह रुख अगले दस दिनों तक जारी रहेगा। बाजार में कुल आवक की नब्बे फीसदी खरीद के स्तर को किसानों एवं देश के लिए बेहतर बताते हुए सिन्हा ने कहा कि हमें गेहूं के लिए किसी भी देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और साथ ही किसानों को भी उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मिला है।
उन्होंने गेहूं की जबरदस्त खरीद का श्रेय बेहतर पैदावार, ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद के लिए ज्यादा केंद्रों को खोले जाने को दिया। सरकार ने एमएसपी 950 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। वर्ष 2007-08 में गेहूं की पैदावार रेकॉर्ड 7.67 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है, जबकि बीते वर्ष यह 7.58 करोड़ टन था। एफसीआई ने चालू विपणन सीजन में 15 हजार खरीद केंद्र खोले हैं। पिछले साल उसने 14,000 केंद्र स्थापित किए थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें गेहूं की इतनी अधिक खरीद होने की उम्मीद थी, सिन्हा ने कहा – मेरा आकलन डेढ़ करोड़ टन से ज्यादा की खरीद का था, लेकिन हमनें कभी उम्मीद नहीं की थी कि निजी व्यापारी इस साल खरीद प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे।