दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत में हुई बेमौसम बरसात और ओले से इसके उत्पादन अनुमान पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।
इस बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि मौजूदा सत्र में गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।देश के कृषि सचिव पी.के.मिश्रा ने नई दिल्ली में बताया कि बेमौसम हुई इस जोरदार बारिश और ओलावृष्टि का इस साल के गेहूं उत्पादन अनुमान पर थोड़ा ही फर्क पड़ेगा। पर इस फर्क के बावजूद गेहूं उत्पादन का मौजूदा लक्ष्य पा लिया जाएगा।
फिलहाल, सरकार का साल 2008 के लिए गेहूं का उत्पादन अनुमान 7.48 करोड़ टन का है। कृषि सचिव के मुताबिक, केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को इस बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने को कहा है। सभी राज्य सरकारें अपनी ओर से हुए इस नुकसान का आकलन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में निर्धारित लक्ष्य की सोमवार को समीक्षा की जाएगी, पर सरकार को भरोसा है कि पहले से निर्धारित लक्ष्य को पा लिया जाएगा।
नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस जोरदार बारिश से गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश का पश्चिमोत्तर भाग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अभी पिछले ही महीने सरकार ने घोषणा की थी कि इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल के उत्पादन से 10 लाख टन कम रहकर 7.48 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
मालूम हो कि साल 2007 में देश को 18 लाख टन गेहूं आयात करना पड़ा था। 6 सालों के बाद अनाजों के आयात की अनुमति मिलने के बाद 2006 में तो गेहूं के आयात का आंकड़ा 73 लाख टन तक पहुंच गया था।
कृषि सचिव से जब खाद्य तेलों पर शून्य आयात शुल्क के बाबत घरेलू तिलहन उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में खाद्य तेलों की ऊंची कीमत का बुरा असर भी तो किसानों को ही सबसे ज्यादा झेलना पड़ रहा है। इस लिए यह कदम उनके लिहाज से भी फायदेमंद है।उधर चंडीगढ़ में कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि इस साल गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होगी।