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बजाज में 200 परिवार बंधक

Last Updated- December 07, 2022 | 4:41 AM IST

यूपी में गन्ना किसानों के बकाया राशि के भुगतान में की जा रही देरी से आहत किसानों ने किनौनी स्थित बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड शुगर मिल पर धावा बोल कंपनी पर ताला जड़ दिया।


इसकी वजह से कंपनी के करीब 30-35 कर्मचारियों सहित करीब 200 परिवार 1 जून से मिल परिसर में ही कैद हैं। सैकड़ों किसान मिल के दरवाजे पर जमा हैं और मिल की पावर यूनिट को भी बंद करने का मन बना रहे हैं, जिससे डिस्टिलरी और बायोगैस प्लांट ठप हो जाएं।

फैक्टरी के गोदाम से पिछले आठ दिनों से चीनी भी बाहर नहीं ले जाने दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि मिल से 600 से 700 टन चीनी रोजाना बेची जाती है, लेकिन किसानों के उग्र आंदोलन से सब कुछ ठप हो गया है। स्थानीय प्रशासन भी किसानों के आगे बेबस नजर आ रहा है।

मिल के बाहर आपात स्थिति से निपटने के लिए फायर बिग्रेड की एक वैन भी तैनात की गई है। किसानों और उनके नेता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो वे नोएडा स्थित बजाज भवन (कंपनी कॉरपोरेट कार्यालय) का भी घेराव कर सकते हैं। मलयाना केन यूनियन के चेयरमैन नितिन त्यागी का कहना है कि मिल को 2006-07 पेराई सत्र के लिए किसानों की 9 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, वहीं चालू सत्र की देनदारी भी 10.35 करोड़ रुपये है।

यही वजह है कि किसानों को मिल का घेराव करने पर बाध्य होना पड़ा। दिलचस्प यह कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को इस मामले में हस्तक्षेप करने देने को किसान तैयार नहीं हैं। किसानों ने बताया कि वे भविष्य में इस मिल को गन्ने की आपूर्ति नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि वे अन्य जगहों के किसानों को भी बजाज की दूसरी शुगर मिलों को आपूर्ति नहीं करने के लिए कहेंगे।

किसानों के नेता मामचंद सिंह ने कहा कि गन्ना बिक्री के लिए सरकार को वैकल्पिक खरीदार तलाशने होंगे। सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 118 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान करने के आदेश के बाद भी गन्ना किसानों को पैसा नहीं दिया जा रहा है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि गन्ना किसानों को 7 से 15 दिनों के अंदर बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने से नाराज किसानों ने किनौनी स्थित बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल पर जड़ा ताला

First Published - June 9, 2008 | 12:42 AM IST

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