देश में बिजली की किल्लत और लगातार बढ़ती मांग को देखकर अदानी समूह ने भी इससे मुनाफा कमाने का फैसला कर लिया है।
बिजली उत्पादन की अपनी परियोजनाओं के लिए वह जल्द ही 5,000 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रहा है। समूह का लक्ष्य अगले 5 साल में कम से कम 10,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता प्राप्त करना है।
फिलहाल वह 2012 तक राजस्थान में 1320 मेगावाट और गुजरात के दाहेज में 2,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है।सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन जीएसपीसी भी इसी साल आईपीओ लाने की सोच रही है।जीएसपीसी भी आईपीओ के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की बात कह चुकी है। इसी वजह से अदानी समूह की बिजली उत्पादक कंपनी अदानी पावर जीएसपीसी से पहले ही आईपीओ ला सकती है।
आईपीओ लाने की पुष्टि करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अदानी एक या दो हफ्ते में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी के सामने इसका मसौदा भी पेश करने जा रहा है। इसके लिए बैंकर के तौर पर अभी तक एसबीआई कैपिटल को नियुक्त किया जा चुका है।
अदानी समूह गुजरात के मुंद्रा में 4620 मेगावाट क्षमता वाली बिजली परियोजना लगा रहा है। इसे देश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना कहा जा रहा है। आकार और क्षमता में यह अल्ट्रा मेगा पावर परियोजनाओं से भी बड़ी होगी।
कंपनी के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दुनिया भर में यह तीसरी सबसे बड़ी कोयला आधारित परियोजना होगी। ऐसी सबसे बड़ी परियोजना रूस में है और दूसरा नंबर ताइवान की परियोजना का है। मुंद्रा बिजली संयंत्र टाटा पावर के 4,000 मेगावाट क्षमता वाले अल्ट्रा मेगा बिजली संयंत्र को टक्कर देगा।
अदानी पावर इस परियोजना के लिए पहले ही काम शुरू कर चुकी है। इसके लिए आंतरिक संसाधनों, ऋण और इक्विटी के निजी अंतरण के जरिये वित्त जुटाया जा रहा है। इसके लिए कंपनी ने लंदन की 3आई ग्रुप के साथ हाथ मिलाया है।
मुंद्रा में ही अदानी के पास देश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक बंदरगाह भी है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान उसमें कम से कम 3 करोड़ मीट्रिक टन माल की ढुलाई की गई थी। वहां टाटा और अदानी की बिजली परियोजनाएं कोयले पर ही आधारित होंगी। उनके लिए कोयला आयात किया जाएगा। उनको सालाना कम से कम 2.6 करोड़ मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होगी।
अदानी समूह देश में बिजली का कारोबार करने वाला सबसे बड़ा निजी समूह है। बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए कोयले का आयात करने में भी वह अव्वल है। उसके पास इंडोनेशिया में कोयला खनन के अधिकार हैं और ढुलाई के लिए 2 बड़े जहाज भी हैं।