एअर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि विमानन कंपनी को यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है और इस तरह की घटना किसी के लिए भी मददगार नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की घटनाएं दुनिया भर में समस्या हैं। हाल के महीनों में यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें चालक दल के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट शामिल है।
विभिन्न मामलों में, विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने घटना के बारे में अवगत कराने में चूक और ऐसी घटनाओं के संबंध में उचित उपाय नहीं करने के लिए विमानन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की एक घटना में सोमवार को गोवा से दिल्ली आ रहे एअर इंडिया के विमान में सवार एक पुरुष यात्री ने चालक दल के एक सदस्य के साथ मारपीट की।
एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक विल्सन ने कहा कि बेकाबू यात्रियों का मामला अंतरराष्ट्रीय उद्योग की समस्या है और ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। विल्सन ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘एक विमानन कंपनी के रूप में, हमें विमान में अनियंत्रित व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है और हमने भी ऐसा किया है…जब लोग उड़ान भरते हैं तो व्यवहार का एक स्तर होता है जिसकी हम लोगों से उम्मीद करते हैं। साथ ही, चालक दल का समर्थन करते समय उनको भी यही संदेश मिलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि विमानन कंपनियों ने लोगों के अनुचित बर्ताव पर कार्रवाई करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ‘‘दुर्भाग्य से, घटनाएं (अनियंत्रित व्यवहार की) होती रहती हैं।’’ विल्सन ने कहा, ‘‘जब ऐसी घटनाएं होती हैं, हम कार्रवाई करते हैं और उम्मीद है कि इस प्रक्रिया में, हम लोगों को याद दिलाते हैं कि मानक क्या है और हम लोगों को परिणामों की याद दिलाते हैं जब मानक पूरा नहीं होता है।’’
विल्सन के मुताबिक हर विमानन कंपनी को हमेशा ऐसे मुद्दों से जूझना पड़ता है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के तहत यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार को तीन स्तरों में वर्गीकृत किया जा सकता है। हाव-भाव के जरिए, गाली-गलौच और अनियंत्रित मात्रा में शराब पीकर हंगामा करने जैसी घटनाओं को अनियंत्रित व्यवहार के स्तर-एक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जबकि शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार जैसे धक्का देना, लात मारना या यौन उत्पीड़न को स्तर-दो के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
इस साल की शुरुआत में, एअर इंडिया को विमान में यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की सूचना देने में चूक के लिए डीजीसीए की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। नियामक ने छह दिसंबर, 2022 को पेरिस-दिल्ली उड़ान के दौरान यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की दो घटनाओं की सूचना नहीं देने के लिए एअर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा कई अन्य घटनाएं सामने आई थीं।