उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायंस पावर और टाटा समूह की टाटा पावर कंपनी को अपनी अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाओं (यूएमपीपी) की शुरुआत देखने में अभी कुछ समय लगेगा।
रिलायंस पावर मध्य प्रदेश के सासन और टाटा पावर गुजरात के मुंद्रा में 4000 मेगावाट क्षमता की यूएमपीपी लगा रही हैं, जो 2013 तक चालू हो पाएंगी। यूएमपीपी पर समीक्षा के लिए पिछले सप्ताह नई दिल्ली में हुई एक बैठक में अधिकारियों ने कहा था कि रिलायंस पावर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के तीन वर्षों में सासन यूएमपीपी शुरू करने के कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्ध है।
विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) के मुताबिक केप्टिव कोयला खदानों वाली यह परियोजना मई 2013 और अप्रैल 2016 के बीच शुरू हो जाएगी। विश्वस्त अधिकारियों ने बताया कि रिलायंस पावर इस परियोजना के लिए ठेकेदारों के बारे में ब्यौरे की घोषणा जल्द ही कर देगी और इस वर्ष अक्टूबर तक कोष जुटाने की प्रक्रिया निपटा ली जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक मुंद्रा की पहली 6 इकाइयों के सितंबर 2011 तक चालू हो जाने की संभावना है और पूरी परियोजना मार्च 2013 तक पूरी हो जाएगी। टाटा पावर की मुंद्रा यूएमपीपी अपनी पहली इकाई के लिए तय कार्यक्रम से 11 महीने आगे चल रही है और यह परियोजना 17 महीने पहले चालू हो सकती है।
रिलायंस पावर अपनी पहली इकाई को 16 महीने पहले शुरू किए जाने की सरकार की योजना को लेकर प्रतिबद्ध है। रिलायंस इसे मई 2013 के बजाय दिसंबर 2011 में ही पूरा करना चाहती है। दूसरी इकाई इसके तीन महीने बाद यानी मार्च 2012 में तैयार हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में कुल 1320 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन होने लगेगा।
भारत 11वीं पंचवर्षीय योजना में 78,000 मेगावाट की विद्युत क्षमता जोड़ने की योजना बना रहा है और प्रति 4,000 मेगावाट की 8 से 9 यूएमपीपी देश के विभिन्न भागों में चलाई जाएंगी।