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पर्यटन पर छा रही हैं अमेरिकी मंदी की घटाएं

Last Updated- December 07, 2022 | 6:05 AM IST

भारत आने वाले अमेरिकी पर्यटकों की संख्या में जहां कमी आ रही है, वहीं भारत से अमेरिका जाने वालों की संख्या भी कम हो रही है और पर्यटन में आई इस गिरावट का सीधा-सीधा असर ट्रैवल कंपनियों और टूर ऑपरेटरों पर पड़ रहा है।


पिछले साल 5 लाख 67 हजार भारतीय पर्यटकों ने अमेरिका की यात्रा कर एक रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन इस बार अमेरिका में पर्यटन की बयार फीकी पड़ती दिखाई दे रही है। अमेरिका की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मार्च के बीच वहां जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 76,360 है।

पर्यटन उद्योग जगत के सूत्र भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई कमी की वजह अमेरिकी मंदी और हवाई यात्रा किराए में हुए इजाफे को मान रहे हैं। कॉक्स ऐंड किंग्स (इंडिया) लिमिटेड के बिजनेस डेवलपमेंट प्रमुख करण आनंद कहते हैं, ‘अमेरिकी मंदी का भारतीय पर्यटकों पर बेहद थोड़ा असर है। लेकिन बावजूद इसके अमेरिका जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है और कंपनी को उम्मीद है कि यह आगे भी बढ़ती रहेगी।’

करण आनंद की मानें तो उनके अनुसार अमेरिका जाने वाले पर्यटकों की संख्या अच्छी ही चल रही है और अमेरिका जाने वाले भारतीयों को जो वीजा मिल रहा है वह लगभग 5 से 10 वर्षों के लिए। इसके साथ ही कंपनी ने पर्यटनों के एक बड़े वर्ग को देखते हुए कई पैकेज लॉन्च किए हैं, जिनमें 5 दिनों से लेकर 15 दिनों तक के पैकेज हैं। लेकिन अमेरिकी मंदी के लिए कंपनी ने इन पैकेजों को जारी नहीं किया है।

दिल्ली के अकबर ट्रैवल के रिजर्वेशन सुपरवाइजर महेश धीमन का कहना है, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले तीन से चार महीनों में अमेरिका की ओर रुख करने वाली यात्रियों की संख्या में कमी आई है। जून से अगस्त तक बड़ी संख्या में यात्री अमेरिका जाते हैं, लेकिन हमारे यहां यात्रा के लिए टिकट बुक कराने वालों संख्या में लगभग 15 फीसदी की कमी नजर आ रही है।’

महेश ने बताया कि अमेरिका जाने वाले पर्यटकों में कमी की सबसे बड़ी वजह विमानन ईंधन में हुया इजाफा है, जो टिकट अभी तक 50 हजार रुपये की थी अब उसके लिए यात्रियों को 20 हजार रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। अब आप इसे अमेरिकी मंदी का नाम दे या कंपनियों की ग्राहक लुभाने की इच्छा का, लेकिन टै्रवल पोर्टल और टूर ऑपरेटरों की ओर से फिलहाल अमेरिकी पर्यटन पर भारी छूट दी जा रही है।

पर्यटन सूत्रों के अनुसार ट्रैवल पोर्टल अक्सर अमेरिका जाने वाले पर्यटकों के लिए डिस्काउंट पैकेज देते हैं। लेकिन फिर भी ग्राहक अभी पश्चिमी देशों का रुख करने की बजाय सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड जैसी किफायती जगहों को पसंद कर रहे हैं। वेबसाइट ट्रैवलोसिटी डॉट कॉम पर उत्तरी अमेरिका जाने वाले पर्यटकों को न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन जैसी हवाई यात्राओं पर 4 हजार रुपये तक की छूट दी जा रही है और यह छूट 30 जून से पहले बुकिंग कराने वालों को ही मिलेगी।

दूसरे वेबपोर्टल ईजीगो1 डॉट कॉम अपने ग्राहकों को सिर्फ होटल और वहां यात्रा करने के लिए बस और टैक्सी जैसे पैकेज मुहैया करा रहा है पर हवाई यात्रा के लिए पोर्टल अपनी सेवाएं नहीं दे रहा है। पोर्टल का मानना है कि आजकल ग्राहक खुद हवाई यात्रा के इंतजाम करना चाहते हैं। इस वेब पोर्टल की मुख्य परिचालन अधिकारी नीलू सिंह का कहना है, ‘ हम विदेशी यात्राओं पर किसी भी तरह की छूट देने में विश्वास नहीं रखते, क्योंकि हम पर्यटक को सभी सुविधाएं मुहैया कराते हैं।’

अमेरिका के वाणिज्य और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रशासन की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 5,67,000 भारतीय पर्यटकों में से सिर्फ 50 फीसदी पर्यटकों ने ही ट्रैवल एजेंसियो की मदद ली, जबकि 2006 में यह आंकड़ा 64 प्रतिशत था और कॉर्पोरेट ट्रैवल की संख्या 2007 में 2006 के मुकाबले 20 प्रतिशत से बढ़कर 24 हो गई।

इसी के साथ एक अमेरिका जाने वालों का मुख्य कारण वहां घूमना फिरना (18 प्रतिशत)या रिश्तेदारों से मिलना (41 प्रतिशत) कम और काम (58 प्रतिशत) अधिक था। अमेरिका के 7 से 10 दिनों के पैकेज के लिए ग्राहकों को 1 लाख रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक देने पड़ सकते हैं, जिसमें हवाई यात्रा का खर्च शामिल नहीं है।

भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों की संख्या के साथ-साथ भारत आने वाले अमेरिकी पर्यटकों की संख्या में भी कमी आई है। नीलू सिंह ने बताया, ‘अमेरिका में मंदी का दौर अभी शुरू हुआ है, इसलिए भारतीय पर्यटन पर इसका कितना असर पड़ेगा यह कह पाना मुश्किल है। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल यहां आने वाले अमेरिकी पर्यटकों में कमी जरूर आई है।’

First Published - June 18, 2008 | 11:28 PM IST

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