सीमेंट के कारोबार में कदम रखने का ऐलान कर चुका अनिल अंबानी का रिलायंस समूह शुरुआत करने के लिए अधिग्रहण की संभावनाएं तलाशने लगा है।
अंबानी मध्य प्रदेश के सासन में मेगा बिजली परियोजना भी तैयार कर रहे हैं, जिससे निकलने वाले फ्लाई ऐश का इस्तेमाल सीमेंट बनाने में होना है। लेकिन इस परियोजना के तैयार होने से काफी पहले ही उन्होंने अधिग्रहण की बिसात बिछानी शुरू कर दी है।
अनिल की कंपनी ने इस सिलसिले में छोटे और मंझोले आकार की कई कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है। बातचीत एक मर्चेंट बैंकर के जरिये हो रही है और इसका मकसद अधिग्रहण के लिए सही कंपनियों का चुनाव करना है।
कंपनी के मर्चेंट बैंकरों ने बिड़ला कॉर्पोरेशन औरर मेहता ग्रुप के साथ शुरुआती बातचीत की है। मेहता ग्रुप की गुजरात सिद्धि सीमेंट और सौराष्ट्र सीमेंट के नाम से गुजरात में दो सीमेंट इकाइयां हैं। लेकिन अभी उनके साथ बातचीत सफल होती नहीं दिख रही है। एम पी बिड़ला ग्रुप की प्रमुख कंपनी बिड़ला कॉर्पोरेशन ने बातचीत आगे बढ़ाने से ही इनकार कर दिया है। इस कंपनी के पास कुल 57 लाख टन सीमेंट उत्पादन की क्षमता है, जिसमें 15 लाख टन सीमेंट का उत्पादन सतना में किया जाता है।
यह संयंत्र सासन में अनिल अंबानी के समूह की बिजली परियोजना के काफी नजदीक है। अनिल अंबानी की रिलायंस सासन में 2012-13 तक कोयले से चलने वाली 4,000 मेगावाट की बिजली परियोजना शुरू कर देगी। कंपनी ने फ्लाई ऐश से सीमेंट बनाने वाले 2 करोड़ टन क्षमता वाले सीमेंट संयंत्र की योजना भी बनाई है। इस मामले से जुड़े एक निवेश बैंकिंग सूत्र ने बताया, ‘एडीएजी समूह मेहता ग्रुप के साथ भी बात कर रहा है।’ मेहता ग्रुप के पास कुल 23 लाख टन सीमेंट उत्पादन की क्षमता है।
ग्रुप के कार्यकारी वाइस चेयरमैन जय मेहता को भेजे गए ई मेल का कोई जवाब नहीं आया। टेलीफोन पर भी उनसे संपर्क नहीं हो सका। अनिल के समूह ने इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया करने से इनकार कर दिया। लेकिन अनिल के समूह ने अनिल सांघवी को रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज का वाइस चेयरमैन नियुक्त कर लिया है। यही कंपनी सीमेंट का कारोबार देखेगी। सांघवी अंबुजा सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं।