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टूटेगा अनिल का ख्वाब?

Last Updated- December 07, 2022 | 10:00 AM IST

अंबानी बंधुओं में तनातनी के चलते दक्षिण अफ्रीकी दूरसंचार कंपनी एमटीएन अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ संभावित गठजोड़ की बातचीत से अलग होने की सोच रही है।


ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने यह खबर दी है। एमटीएन और आरकॉम जहां सौदे के विभिन्न ढांचों पर काम कर रही हैं, वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सौदे का कोई भी ढांचा उसे मुकेश अंबानी के वकीलों से नहीं बचा सकेगा।

मॉर्गन स्टैनली के दूरसंचार विशेषज्ञ सीन गर्डिनर के हवाले से कहा गया है कि एमटीएन को आरकॉम से कानूनी आश्वासन लेना पड़ेगा कि वह मुकेश के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज की किसी भी पहल से खुद को बचाने में समर्थ होगी। उल्लेखनीय है कि जबसे रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आरकॉम में किसी भी किस्म की नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के मामले में पहले इनकार करने के अधिकार का दावा किया है, तभी से इस सौदे पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एमटीएन और आरकॉम, दोनों को धमकी दी है कि यदि उसके अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह कानूनी कार्रवाई करेगी।

सुलह की पेशकश ठुकराई

रिलायंस इंडस्ट्र्रीज ने इस मामले पर बैठक न किए जाने पर कानूनी कार्र्रवाई की धमकी दी थी, जिसके एवज में आरकॉम ने अगले हफ्ते बैठक की पेशकश की। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आरकॉम की इस पेशकश को ठुकरा दिया।

मियाद बढ़ेगी

एमटीएन और आरकॉम सौदे के तहत अनिल अंबानी 51 फीसदी शेयर पर कब्जा जमाना चाहते हैं। इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 45 दिन की अवधि तय की गई थी, जिसकी मियाद 8 जुलाई को पूरी हो रही है। ऐसे में अवधि तीन से चार हफ्ते तक बढ़ाई जा सकती है।

First Published - July 8, 2008 | 5:08 AM IST

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