दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को झारखंड सरकार से राज्य के करमपाड़ा इलाके में लौह अयस्क खदान का पट्टा हासिल हुआ है।
कंपनी ने बताया कि करमपाड़ा लौह अयस्क खदान के भंडार से झारखंड में स्थापित किए जा रहे इस्पात संयंत्र की कच्चे माल की जरूरत को पूरा किया जाएगा। दरअसल कंपनी झारखंड में 120 लाख टन इस्पात उत्पादन की सालाना क्षमता वाला नया संयंत्र स्थापित कर रही है।
आर्सेलर मित्तल के मुख्य वित्तीय अधिकारी और समूह प्रबंधन बोर्ड के सदस्य आदित्य मित्तल ने बताया, ‘हमें बहुत खुशी है कि भारत सरकार एवं झारखंड सरकार ने हमारी कंपनी को करमपाड़ा में लौह अयस्क खदान का पट्टा दिया है।’
गौतरलब है कि इससे पहले कंपनी ने घोषणा की थी कि वह झारखंड में 400 अरब रुपये खर्च कर सालाना 120 लाख टन की क्षमता वाला नया इस्पात संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी ने बताया कि इस संयंत्र के शुरू होने के तीस साल तक कंपनी को लगभग 60 करोड़ टन लौह अयस्क की जरूरत होगी।
इससे पहले आर्सेलर मित्तल ने करमपाड़ा खदानों में खनन की अनुमति के लिए आवेदन किया था। इसके साथ ही कंपनी ने इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने के लिए सरकार से आवश्यक मदद और अनुमति मांगी है। करमपाड़ा लौह अयस्क भंडार झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में स्थित है। इसमें अनुमानित 6.5 करोड़ टन का भंडार है।