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अरेवा टीऐंडडी लगाएगी 700 करोड़ रुपये

Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 AM IST

अरेवा फ्रांस की भारतीय सहायक कंपनी और देश में बिजली ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अरेवा टीऐंडडी इंडिया लिमिटेड ने तय किया है कि वह दिसंबर 2008 तक इलेक्ट्रिकल बाजार में 700 करोड़ रुपये निवेश करेगी।


अगले दो वर्षों में कंपनी की योजना अपनी क्षमताओं को दोगुना करने की है, जिसका यह निवेश एक हिस्सा है। कंपनी के कंट्री अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रथिन बासु का कहना है, ‘हमारे पिछले तीन से चार वर्षों में टीऐंडडी (ट्रांसमिशन और वितरण) निवेश काफी महत्वपूर्ण निवेश रहे हैं। हमें बेहतरीन ऑर्डर मिले हैं और हम साल के अंत शुरू होने वाली कुछ और उत्पादन इकाइयां स्थापित कर रहे हैं।’


कंपनी  इस वर्ष दिसंबर तक शुरू होने वाले तीन उपकरण उत्पादन संयंत्र और बड़ौदा, पडप्पई और होसुर में एक अनुसंधान और विकास केन्द्र स्थापित करने वाली है, जिसमें कुल मिलाकर 700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

बड़ौदा वली इकाई में  में 765 किलोवाट के उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें वितरण ट्रांसफार्मर्स और मध्यम वोलटेज स्विचिस शामिल हैं। यह क्षमता 2010 तक बढ़ाकर 1200 किलोवाट कर दी जाएगी।

बासु का कहना है, ‘बड़ौदा इकाई के लिए जगह जनवरी में ही तय कर ली गई थी और यह फैक्टरी इस साल दिसंबर तक तैयार हो जाएगी, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।’ होसुर इकाई में लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश कर 1200 किलोवाट क्षमता सर्किट ब्रेकर्स और इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफारमर्स की ‘एक्सपेंडेड फैक्टरी’ बनाई जाएगी। इस जगह पर इलेक्ट्रिकल उपकरणों के लिए अनुसंधान और विकास केन्द्र भी बनाया जाएगा।

चेन्नई इकाई में उच्च वोलटेज स्विचगीयरों का उत्पादन किया जाएगा। कंपनी की फिलवक्त 8 इलेक्ट्रिकल उपकरणों की उत्पादन इकाइयां चल रही हैं और वह देश के ट्रांसमिशन और वितरण का लगभग 70 प्रतिशत भार उठाती है। कंपनी को फिलहाल 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर मिल चुके हैं।

कंपनी ने ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं से दूर रहने का ही फैसला किया है, जिसमें बहुत आधुनिक तकनीकी की जरूरत नहीं पड़ती और उसमें स्थानीय ठेकेदारों से बातचीत शामिल होती है। कंपनी ने उच्च तकनीक जैसे कि जीआईएस (गैस इन्सुलेटेड सबस्टेशन) और उच्च वोलटेज स्विच पर ही ध्यान देने की योजना बनाई है। कंपनी पहले 2007 में एनटीपीसी की सिपत परियोजना के लिए 765 किलोवाट वाले एआईएस (एयर इन्सुलेटेड सबस्टेशन) सप्लाई करती थी।

First Published - May 20, 2008 | 11:56 PM IST

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