भारतीय फार्मा कंपनी अरबिंदो फार्मा सऊदी अरब में वहां की एक कंपनी के साथ मिलकर फॉरम्युलेशन इकाई लगाएगी।
इस संयुक्त उपक्रम में अरबिंदो की हिस्सेदारी 55 फीसद और सऊदी अरब की कंपनी की हिस्सेदारी 45 फीसद ही होगी। संयुक्त उपक्रम के तहत लगने वाली इस इकाई में दोनों कंपनियां मिलकर 60 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
अरबिंदो के चेयरमैन पी वी रामप्रसाद रेड्डी ने कहा, ‘हम अगले दो हफ्तों में अपने पार्टनर के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लेंगे।’ इस इकाई में साल 2009 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह इकाई सालाना 1 अरब टेबलेट्स, कैपसूल्स और सिरप का उत्पादन करेगी। अरबिंदो इस संयुक्त उपक्रम में लगभग 20 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
सऊदी अरब की कंपनी भी लगभग इतना ही निवेश करेगी। इसके अलावा बाकी की रकम के लिए सऊदी बैंकों से ऋण लिया जाएगा। इस इकाई के जरिये कंपनी सऊदी अरब के साथ ही बहरीन, कतर, कुवैत, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में भी प्रवेश करने की है। यह इकाई अरबिंदो की हाल ही में अधिग्रहण की गई नीदरलैंड की फार्मासीन इंटरनेशनल बीवी की ही सहायक कंपनी होगी।
घरेलू बाजार में विस्तार के लिए अरबिंदो इस साल लगभग 75 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी उत्पादन इकाइयों की क्षमता बढ़ाएगा। कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद कंपनी अब दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स का निर्माण करेगी। रेड्डी ने कहा, ‘मार्च 2009 के अंत तक हमारी सभी पूंजी खर्च की योजनाएं पूरी होने वाली हैं। लेकिन 2010 से हम अपनी पूंजी को सही जगह निवेश करने की योजना बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी 2010 तक 40 अरब रुपये के सालाना कारोबार का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी।
लगभग 170 करोड़ रुपये खर्च कर कंपनी हैदराबाद के पास विशेष आर्थिक क्षेत्र में संयंत्र लगा रही है। अगले दो महीनों में यह संयंत्र उत्पादन शुरू कर देगा। इस संयंत्र की सालाना क्षमता 1,320 करोड़ टेबलेट और 130 करोड़ कैप्सूल्स उत्पादन करने की है।