भारतीय कार बाजार में छोटी कारों की लगातार बढ़ती मांग के कारण मारुति सुजुकी और हुंडई जैसी कंपनियों की बिक्री में अच्छा इजाफा हुआ है।
इस बढ़ती बिक्री के कारण ही मई महीने के भारतीय ऑटो उद्योग के आंकड़े एक नई कहानी कह रहे हैं। मई के महीने में ही लगभग 1.1 लाख कारों की बिक्री हुई है। सियाम के आंकड़ों के अनुसार यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 14.25 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल इस महीने के दौरान 96,923 कारों की बिक्री हुई थी।
ऑटो उद्योग में टाटा सफारी, सूमो और महिंद्रा की स्कोर्पियो जैसे युटिलिटी व्हीकल्स (यूवी) की भी भारी मांग रही। कुल कारों की बिक्री में यूवी वाहनों की हिससेदारी 25 फीसदी , व्यावसायिक कारों (शेवरोले टवेरा, टोयोटा इन्नोवा) की हिस्सेदारी 27 फीसदी रही। यात्री कारों की बिक्री में भी 16.58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
पिछले साल इसी महीने में लगभग 121,753 कारों की बिक्री हुई थी जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 141,946 तक पहुंच गया है। मई महीने में भारतीय कार बाजार की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री में भी 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि उद्योग की विकास दर इससे कम ही रही है। भारतीय उद्योग बाजार में मारुति सुजुकी का लगभग 58 फीसदी कारोबार पर कब्जा है। मई में कंपनी की मारुति 800 की मांग में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वैगन के एलपीजी मॉडल की मांग में भी काफी इजाफा हुआ है। मई के महीने में हुंडई मोटर्स की बिक्री में भी 47 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनी का आई10 मॉडल देश का सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट कार रही है। हुंडई की कार बाजार में 22 फीसदी हिस्सेदारी है। रेलीगेयर सिक्योरिटीज के विश्लेषक पीयूष पराग ने कहा, ‘कार बाजार में हुई यह बढ़ोतरी हमारी उम्मीद के मुताबिक ही है। हमें कार बाजार में 15 फीसदी की दर से ही इजाफा होने की उम्मीद थी।
मारुति, हुंडई और जनरल मोटर्स के नए मॉडलों की भी बाजार में काफी मांग रही है। हमें उम्मीद है की आने वाले कुछ महीनों तक बढ़ोतरी और होगी।’ सियाम के महानिदेशक दिलीप शेनॉय ने कहा, ‘बिक्री में हुआ इजाफा तो हमारी उम्मीद के मुताबिक ही है। लेकिन इसे बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी। दरअसल सबसे बड़ा मुद्दा पूंजी की उपलब्धता है। अगर ग्राहकों को कार खरीदने के लिए आसानी से पैसे मिल जाएं तो इसमें काफी इजाफा हो सकता है।’
इस बाजार में विकास की संभावना नजर आने के कारण ही मारुति सुजुकी, हुंडई, जनरल मोटर्स और टाटा मोटर्स समेत सभी कार कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही हैं। इसके साथ ही कंपनियां कई नए मॉडल भी बाजार में पेश करने वाली हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक टाटा मोटर्स तीन नए मॉडल बाजार में पेश करने वाली है। इसके अलावा मारुति और हुंडई भी नए मॉडल और वैरिएंट्स बाजार में पेश करेंगी।
मंदी के बाद आई इस बढ़ोतरी में दोपहिया वाहन को भी फायदा हुआ है। हीरो होंडा और बजाज जैसी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में भी 8 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसकी मुख्य वजह हीरो होंडा के नए मॉडल और बजाज ऑटो की विशेष फाइनेंस योजना है। बैंकों ने लोन देने के लिए सभी शर्तों को और ज्यादा कड़ा कर दिया है। इसका ऑटो उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
दोपहिया वाहन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हीरो होंडा की बिक्री में मई में 9.54 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि बजाज ऑटो की बिक्री में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है। मई में हीरो होंडा का 61 फीसदी बाजार पर कब्जा रहा जबकि बजाज ऑटो की हिस्सेदारी 35 फीसदी ही रही।
व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में भी 6.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल मई में लगभग 33,262 वाहन ही बेचे थे लेकिन इस साल यह आंकड़ा 35, 294 वाहन तक पहुंच गया है। तिपहिया वाहनों की बिक्री में 2.54 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल कुल 29,012 इकाइयों की बिक्री हुई थी लेकिन इस साल यह आंकड़ा 28,274 ही रहा है।