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एंट्री लेवल मॉडलों की संख्या घटाएगी बजाज

Last Updated- December 15, 2022 | 4:21 AM IST

बजाज ऑटो की योजना एंट्री लेवल वाले मोटरसाइकल मॉडलों की संख्या में एक तिहाई की कटौती की है क्योंंकि कंपनी अपना पोर्टफोलियो दुरुस्त करना चाहती है और डीलरों पर कार्यशील पूंजी के बोझ को कम करने का भी उसका इरादा है। कंपनी के आला अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, हम अपने उत्पादों का पोर्टफोलियो दुरुस्त करने की प्रक्रिया में है। इसके तहत पेशकश में कम से कम एक तिहाई की कमी शामिल है। काफी ज्यादा मॉडलों से डीलरों पर कार्यशील पूंजी का बोझ बढ़ता है। बजाज ऑटो के एक डीलर ने कहा, हमें अभी तक इस संबंध मेंं कंपनी की तरफ से कोई संदेश नहीं मिला है, लेकिन अगर वे इस पर विचार कर रहे हैं तो यह वास्तव में बड़ी राहत होगी क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में स्टॉक कीपिंग यूनिट (एसकेयू) बनाए रखना हमारे लिए सिरदर्द है। पुणे की कंपनी एंट्री लेवल के तहत प्लैटिना और सीटी ब्रांड (100-110 सीसी) बेचती है। दोनोंं ब्रांडों के करीब एक दर्जन संस्करण हैं, जिनमें ब्रेक के प्रकार, व्हील और स्टार्ट टेक्नोलॉजी आदि से विभेद किया जाता है।
एंट्री लेवल या माइलेज सेगमेंट पर बाजार की अग्रणी हीरो मोटोकॉर्प का दबदबा है, जो डीलक्स, पैशन और स्प्लेंडर मॉडल की बिक्री करती है। नए मॉडलों की पेशकश और आक्रामक कीमत की पृष्ठभूमि में बजाज धीरे-धीरे अपनी पकड़ बना रही है। इस श्रेणी में उसकी हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020-21 में 15.5 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 14.3 फीसदी थी। कंपनी ने बुधवार को कहा था कि वित्त वर्ष 2020 में उशने दोनों ब्रांडों के 1.10 लाख वाहन बेचे।
कोविड-19 महामारी के प्रसार के बाद सस्ते मोटरसाइकलों की मांग बढ़ी है क्योंंकि सार्वजनिक परिवहन से लोग दूर हो रहे है। क्रमिक आधार पर मोटरसाइकलों की बिक्री में सुधार हो रहा है और जुलाई में ज्यादातर फर्मों की बिक्री कोविड के पूर्व के स्तर के 80-85 फीसदी पर पहुंच गया है।
हीरो ने ऐसे मॉडलों की मांग ग्रामीण इलाके में देखी है, वहींं बजाज ने शहरी इलाकों में ऐसी मांग से दो-चार हुई है। यह जानकारी बजाज के डीलर ने दी।
उन्होंंने कहा, हम नए तरह के खरीदारों को उभरते देख रहे हैं। जिन्होंने कभी मोटरसाइकल नहींं खरीदी, वे बाजार आ रहे हैं क्योंकि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। इस बीच, पल्सर जैसे महंगे ब्रांडों पर लक्षित समूह का असर पड़ा है क्योंकि कॉलेज जाने वाले घरों में बंद हैं, जिसकी वजह यह है कि शिक्षण संस्थान बंद हैं। कीमतों में बढ़ोतरी से भी बिक्री पर असर पड़ा है क्योंंकि अब बीएस-6 वाहन आ रहे हैं।
इस बीच, महामारी और कमजोर खरीद शक्ति के बावजूद बजाज के शर्मा का मानना है कि खरीदारों की तरफ से सस्ते मॉडलों का विकल्प चुने जाने की प्रवृत्ति नहीं है। कंपनी की कुल बिक्री में पल्सर ब्रांड की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 50 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 40 फीसदी थी।

First Published - July 26, 2020 | 11:34 PM IST

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