देश की पेपर निर्माता कंपनी बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 40 अरब रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।
इस रकम का इस्तेमाल कंपनी देश-विदेश में कंपनियों के अधिग्रहण के लिए करेगी। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी बी हरिहरन ने बताया कि कंपनी की योजना अगले पांच साल में अपनी उत्पादन क्षमता चार गुना करने की है।
अवंता समूह की इस कंपनी की योजना अपनी इकाइयों की उत्पादन क्षमता अगले साल तक दोगुनी कर 10 लाख टन करने की है। साल 2013 तक यह आंकड़ा 20 लाख टन करने की योजना भी है। उन्होंने बताया कि विस्तार की योजनाओं के लिए कंपनी ऋण और शेयरों की बिक्री से रकम जुटाएगी। हरिहरन ने कहा, ‘भारत में पेपर की मांग में कमी आने की कोई संभावना नहीं है। इस विस्तार के बाद ज्यादा उत्पादन से हमारी कुल लागत में कमी आएगी।’
तेजी से हो रहे अर्थव्यवस्था के विकास के कारण साल 2015 तक भारत में कोटेड पेपर, कारोबारी उत्पाद और न्यूजप्रिंट की मांग दोगुनी होने की संभावना जताई जा रही है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारतीय हर साल औसतन 7.7 किलोग्राम पेपर का इस्तेमाल करते हैं। जबकि चीन में यह आंकड़ा 45 किलोग्राम और जापान में 250 किलोग्राम है। टावर कैपिटल ऐंड सिक्योरिटीज लिमिटेड के विश्लेषक चिंतन मेवाड़ ने कहा, ‘ बल्लारपुर पेपर के कम इस्तेमाल का फायदा उठाने के लिए कंपनी के पास सबसे अच्छा वितरण नेटवर्क भी है। कंपनी बिल्कुल सही समय पर विस्तार कर रही है।
कंपनी के लिए पानी की आपूर्ति, पर्यावरण संबंधी मंजूरियां मिलना और पल्प की कीमत ही चिंता का विषय हो सकती हैं।’ जेपी मॉर्गन चेज ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार कम क्षमता होने के कारण कंपनी कीमतों में खर्च से ज्यादा तेजी से इजाफा करती है। इससे कंपनी को ऊर्जा, वुड फाइबर और कैमिकल्स की कीमतें बढ़ने के बाद भी नुकसान नहीं झेलना पड़ता है। लागत में होने वाली बढ़ोतरी के कारण सभी बड़ी पेपर कंपनियों का मुनाफा मार्जिन कम हुआ है।
कंपनी अपने विस्तार के लिए कंपनियों का अधिग्रहण करने के बारे में भी विचार कर रही है। हरिहरन ने बताया कि इसके लिए कंपनी दक्षिण- पूर्वी एशिया में मौजूद संभावनाओं पर विचार कर रही है। हालांकि इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से उन्होंने मना कर दिया। बल्लारपुर और जेपी मॉर्गन सिक्योरिटीज (प्रशांत एशिया) लिमिटेड ने साल 2006 में मलेशिया की साबाह फॉरेस्ट इंडस्ट्रीज को लगभग 1,044 करोड़ रुपये में खरीदा था।