सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने मार्च 2020 में समाप्त तिमाही यानी वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 5,489.3 करोड़ रुपये का कर पूर्व घाटा दर्ज किया है। ब्याज आय में गिरावट और प्रावधान एवं आकस्मिक मद के खर्च में भारी वृद्धि से बैंक के वित्तीय प्रदर्शन को झटका लगा। वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में बैंक ने 405.7 करोड़ रुपये का कर पूर्व मुनाफा दर्ज किया था।
बेंगलूरु के इस बैंक को चौथी तिमाही में 3,571.4 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 251.7 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। पूरे वित्त वर्ष 2020 के लिए बैंक ऑफ इंडिया का घाटा कम हो कर 2,956.8 करोड़ रुपये रह गया जो वित्त वर्ष 2019 में 5,546.9 करोड़ रुपये रहा था। बैंक ऑफ इंडिया का शेयर आज 7.73 फीसदी की गिरावट के साथ 50.75 रुपये पर बंद हुआ।
बैंक की शुद्ध ब्याज आय चौथी तिमाही के दौरान 6.21 फीसदी घटकर 3,793 करोड़ रुपये रह गई। जबकि शुल्क एवं कमीशन सहित अन्य आय 14.13 फीसदी बढ़कर 1,688 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान प्रावधान एवं आकस्मिक मद में खर्च बढ़कर 8,141.9 करोड़ रुपये हो गया जबकि मार्च 2019 तिमाही में यह आंकड़ा महज 1,897.4 करोड़ रुपये रहा था। प्रावधान कवरेज अनुपात मार्च 2020 तिमाही में बढ़कर 83.75 फीसदी हो गया जो मार्च 2019 तिमाही में 76.95 फीसदी रहा था।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभाव का उल्लेख करते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी एके दास ने कहा कि उसने 4,144.8 करोड़ रुपये के ऋण के लिए 414.4 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। चौथी तिमाही के दौरान बैंक का सकल एनपीए घटकर 14.78 फीसदी रह गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 15.84 फीसदी रहा था। दिसंबर 2019 तिमाही में सकल एनपीए 16.3 फीसदी रहा था। मार्च 2020 तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 3.88 फीसदी रह गया जो मार्च 2019 तिमाही में 5.61 फीसदी रहा था। दिसंबर 2019 तिमाही में शुद्ध एनपीए 5.97 फीसदी रहा था। चौथी तिमाही के दौरान बैंक की जमा 6.65 फीसदी बढ़कर 5,55,505 करोड़ रुपये हो गया। 31 मार्च 2020 को बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) बढ़कर 13.10 फीसदी हो गया।
इंडियन ओवरसीज बैंक को लाभ
इंडियन ओवरसीज बैंक ने चौथी तिमाही के दौरान 83.48 करोड़ रुपये का कर पूर्व मुनाफा दर्ज किया है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 3,370.42 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। इसके साथ ही बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई (पीसीए) सूची से बाहर होने के लिए सभी मानदंडों को पूरा कर लिया है। करीब पांच साल पहले आरबीआई ने इंडियन ओवरसीज बैंको इस सूची में रखा था। तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय 5,484.06 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 5,473.92 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान शुद्ध लाभ 143.79 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 1,945.16 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। पूरे वित्त वर्ष 2020 के लिए बैंक का शुद्ध घाटा बढ़कर 8,527.40 करोड़ रुपये हो गया जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में उसे 3,737.88 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। तिमाही के दौरान सकल एनपीए घटकर 14.78 फीसदी रह गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 21.97 फीसदी रहा था। शुद्ध एनपीए 10.81 फीसदी से घटकर 5.44 फीसदी रह गया। बीएस