रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली नवरत्न कंपनी भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) दिल्ली टै्रफिक प्रबंधन प्रणाली के आधुनिकीकरण की दौड़ में शामिल हो गई है।
दिल्ली सरकार 2010 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले यातायात सिग्नल प्रणाली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है और परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने हाल में उपकरण कंपनियों से अभिरुचि पत्र मांगे हैं।
परियोजना की अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये है और इसके तहत कंपनी द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर की मदद से दिल्ली के 700 टै्रफिक जंक्शन का कायाकल्प किया जाएगा। बीईएल का इरादा महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी के लिए कैमरे का इस्तेमाल करने का है। बीईएल बीते वर्षो के दौरान नागरिक बाजार पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।
बीईएल के सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने सौर ऊर्जा से संचालित एलईडी ट्रैफिक सिग्नल और वाहन प्रेरित यातायात नियंत्रण प्रणाली का विकास किया है जो अधिक भीड़ वाले टै्रफिक जंक्शन से कम भीड़ वाले ट्रैफिक जंक्शन यातायात को स्थानांतरित करने में पुलिस की मदद करता है। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम इस महत्वपूर्ण परियोजना में शामिल होने के लिए पहले ही अभिरुचि पत्र दाखिल कर चुके हैं। दिल्ली के अलावा हमने हैदराबाद की ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए एक प्रस्तुतिकरण दिया है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।’
कंपनी अभी बेंगलुरु में एक पायलट परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। देश में अपनी तरह की इस पहली परियोजना में ट्रैफिक की पल पल की जानकारी मिल सकेगी। शुरुआत में अशोक नगर पुलिस स्टेशन में बने कंट्रोल रूप से बीईएल के कर्मचारी 160 ट्रैफिक जंक्शन की निगरानी करेंगे। इस परियोजना की सफलता के आधार पर शहर के दूसरे हिस्सों में इसका विस्तार किया जाएगा। एक अन्य केन्द्रीय संस्थान द्वारा विकसित किए गए साफ्टवेयर से यातायात पुलिस को सड़क पर भीड़ का पता लग सकेगा और यातायात को कम भीड़ वाले प्वाइंट पर भेजा जा सकेगा।