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विमानन कंपनियों को झटका

Last Updated- December 07, 2022 | 7:43 AM IST

विमानन कंपनियों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।


कुछ दिन पहले ही बढ़े एटीएफ की मार तो ये झेल ही रही थीं, अब हवाई अड्डों पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की मार भी इन्हें झेलनी होगी।

हालांकि मंगलवार को ही नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने हवाई अड्डों को विकसित करने वाली कंपनियों से पार्किंग और दूसरे प्रकार के शुल्कों में कटौती की अपील की थी। उसके ठीक उलट देश के प्रमुख हवाई अड्डों को संचालित करने वाली कंपनियों ने सरकार से इन शुल्कों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की बात कही है।

इन कंपनियों का कहना है कि यदि उन्होंने इन शुल्कों में बढ़ोतरी नहीं की तो वे मुश्किल में फंस जाएंगी। इन कंपनियों का तर्क है कि वे कोई गलत बात नहीं कर रही हैं। उनका कहना है कि उन्होंने दो साल तक हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार से जो समझौता किया था, उसमें शुल्कों में बढ़ोतरी का प्रावधान मौजूद है।

जीएमआर, जो दिल्ली हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण का काम कर रही है और जीवीके, जो मुंबई हवाई अड्डे को विकसित करने का काम कर रही है, दोनों कंपनियों को इस काम को संभाले हुए मई में दो वर्ष बीत चुके  हैं। ऐसे में इन कंपनियों ने शुल्क बढ़ोतरी के लिए सरकार को पत्र लिखा है। हवाई अड्डा विकसित करने वाली कंपनियों का कहना है कि पिछले 6 महीनों में निर्माण के लिए सीमेंट, स्टील जैसे कच्चे माल की कीमतों में बहुत तेज बढ़ोतरी हुई है।

इसकी वजह से उनकी लागत में भी इजाफा हो गया है। इस बाबत एक बड़ी कंपनी के अधिकारी का कहना है कि यदि हमें 10 फीसदी बढ़ोतरी की अनुमति नहीं मिलती तो हमारे लिए हालात बहुत खराब हो जाएंगे और इससे हवाई अड्डों का विकास प्रभावित होगा आखिरकार हवाई जहाज में सफर करने वाले यात्रियों पर भी फर्क पड़ेगा।

First Published - June 26, 2008 | 12:16 AM IST

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