दैनिक उपभोक्ता सामान के बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए डाबर इंडिया के संस्थापक बर्मन परिवार समूह के फार्मा व्यापार को बंद करने की घोषणा कर चुके हैं।
बर्मन परिवार ने हाल ही में कैंसर प्रतिरोधी दवा बनाने वाली कं पनी डाबर फार्मा 880 करोड़ रुपये में यूरोप की हेल्थकेयर दिग्गज कंपनी फ्रेजेनियस एसई को बेची है। इस बिक्री से होने वाली कमाई को निवेश करने के लिए बर्मन परिवार अब इससे बेहतर विकल्पों की तलाश कर रहा है।
डाबर इंडिया के चेयरमैन आनंद बर्मन ने कहा ‘इस डील से हुई कमाई को परिवार सही जगह निवेश करने की योजना बना रहा है।’ उन्होंने कहा ‘अभी हमारे सामने कई विकल्प मौजूद हैं। इंश्योरेंस भी उनमें से एक विकल्प है। लेकिन कहीं भी निवेश करने से पहले हमें अपने पूरे पोर्टफोलियो का पुर्नमूल्यांकन करना पड़ेगा।’
डाबर फार्मा पहले डाबर समूह की मुख्य कंपनी डाबर इंडिया का ही हिस्सा थी। लेकिन कुछ साल पहले ही फार्मा कंपनी को समूह से अलग किया गया था। बर्मन परिवार ने डाबर फूड्स को पूरी तरह अलग कर इस कंपनी के सभी अधिकार अमित बर्मन को सौंप दिए हैं। पिछले साल ही कंपनी ने डाबर फूड्स को आनंद बर्मन के चेयरमैनशिप वाले समूह डाबर इंडिया में शामिल किया था।
कंपनी की इस पहल को लोग कंपनी के लिए परिवार द्वारा उत्तराधिकारी चुनने की पहल भी मान रहे थे। इसके बाद कंपनी ने अमित बर्मन को डाबर इंडिया का उपाध्यक्ष बनाया था। माना जा रहा है कि आनंद बर्मन के अध्यक्ष पद के 5 साल पूरे होने के बाद अमित बर्मन यह जिम्मेदारी संभालेंगे। जबकि मोहित बर्मन को डाबर फार्मा का अध्यक्ष बनाया गया था।
प्राइसवाटरहाउस कूपर्स के सहायक निदेशक सुजय शेट्टी ने कहा ‘डाबर मुख्य तौर पर दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी है। इसलिए बर्मन परिवार का फार्मा बिजनेस से नाता तोड़ने का मतलब है कि कंपनी एफएमसीजी श्रेणी में भारी भरकम निवेश करने की तैयारी में है।’
व्यक्तिगत तौर पर पिछले साल ही अमित बर्मन ने खाद्य रिटेल व्यापार में कदम रखा था। लाइट बाइट कॉन्सेप्ट्स के नाम से शुरू हुई रेस्तरां शृंखला में जल्दी सेवा देने वाले रेस्तरां और फूड कोर्ट्स भी हैं। खाद्य रिटेल व्यापार में कंपनी आने वाले दो-तीन साल में लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। इस निवेश से कंपनी देश भर के शॉपिंग मॉल, ऑफिस कॉम्पलैक्स, हाईवे जैसे स्थानों पर इस रेस्तरां की शाखाएं खोलेगी।
बर्मन देश भर सबवे के नौ फ्रेंजाइजी आउटलेट्स भी चलाती है।वहीं दूसरी तरफ विवेक बर्मन के बेटे मोहित बर्मन ने परिवार को इंश्योरेंस क्षेत्र में निवेश करने के लिए राजी कर लिया है। इंग्लैंड की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी ‘अवीवा’ में बर्मन परिवार की 74 फीसदी हिस्सेदारी है। एबीएन एम्रो और फिडेलिटी में भी डाबर समूह की हिस्सेदारी है।पंजाब ट्रैक्टर्स लिमिटेड में 14 फीसदी शेयरों के अधिग्रहण के साथ ही समूह ने हाल ही में एक और उभरते हुए बाजार में कदम रखा है।
विदेशों में भी डाबर इंडिया की मौजूदगी को बढ़ावा देने के लिए कंपनी विस्तार की योजनाएं बना रही है। बलसारा के होम और हाइजीन व्यापार के अधिग्रहण में मोहित बर्मन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब मोहित बर्मन क्रिकेट में भी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। मोहित इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने वाली मोहाली टीम के चार मालिकों में से एक हैं।
इस साल की शुरुआत में ही डाबर ने अपनी सहायक कंपनी एच ऐंड बी स्टोर्स लिमिटेड के जरिये संगठित रिटेल सेक्टर में कदम रखा है। कंपनी की योजना ‘न्यू यू ‘ के नाम से सौन्दर्य, हेल्थ और वैलनेस स्टोर खोलने की भी है। इन स्टोर्स में कंपनी ब्रांडेड सौन्दर्य उत्पाद, परफ्यूम व डियोडरेंड्स, त्वचा सुरक्षा के उत्पादों के साथ ही बच्चों और फैमिली केयर, फैशन एक्सेसरीज और किफायती दामों पर अच्छी ज्वैलरी भी मुहैया कराती है।