विप्रो लिमिटेड समूह की एशिया-प्रशांत और पश्चिम एशियाई कंपनी विप्रो इन्फोटेक ने ज्यादातर कारोबार वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) डिवीजन विप्रो टेक्नोलॉजीज को स्थानांतरित कर दिया है।
विप्रो इन्फोटेक के अध्यक्ष सुरेश वासवानी ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कहा है, ‘पिछले कुछ वर्षों में विप्रो इन्फोटेक ने दक्षिण एशिया व ऑस्ट्रेलिया में लगातार निवेश किया है। आज विप्रो के 770 कर्मचारी दक्षिण एशिया और ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र में कंपनी के ग्राहको को सेवाएं मुहैया कराने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हमारा कारोबार अपने ग्लोबल आईटी बिजनेस के साथ मजबूत बना हुआ है। अब हम इस कारोबार में परिवर्तन कर रहे हैं और इसका बड़ा हिस्सा विप्रो टेक्नोलॉजीज को स्थानांतरित कर रहे हैं। इसके स्वरूप और नेतृत्व के बारे में विस्तृत ब्यौरे की घोषणा बाद में की जाएगी।’
विप्रो इन्फोटेक ने कई प्रबंधकीय बदलाव भी किए हैं। ईमेल के मुताबिक आनंद शंकरन को विप्रो इन्फोटेक बिजनेस का मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया जाएगा। वासवानी ने कहा, ‘शंकरन 1989 में विप्रो में शामिल हुए और उन्होंने घरेलू और वैश्विक कारोबार के मोर्चे पर कंपनी के उत्पादों और सेवाओं में सराहनीय भूमिका निभाई है। आनंद विप्रो इन्फोटेक के अगले विकास चरण के लिए अधिकृत होगे और वे मुझे रिपोर्ट करेंगे।’
ईमेल में आगे कहा गया है कि इस आईटी डिवीजन के वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान 40 अरब रुपये के राजस्व लक्ष्य को पार कर जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘पिछली 10-12 तिमाहियों में हमने विप्रो इन्फोटेक में बेहद आक्रामक बढ़ोतरी देखी है। इस बढ़ोतरी से विप्रो इन्फोटेक में प्रत्येक कर्मचारी के लिए शानदार अवसर पैदा हुए हैं।’
विप्रो इन्फोटेक बिजनेस के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को विप्रो टेक्नोलॉजीज में स्थानांतरित किया गया है।
वासवानी ने कहा, ‘रजत माथुर, टीडी तांडवमूर्ति, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, आनंद पद्मनाभन और आशुतोष वैद्य हमारे ग्लोबल आईटी बिजनेस में नई जिम्मेदारियां संभालेंगे। इनमें से कुछ अधिकारी भारत और पश्चिम एशियाई बाजारों में विप्रो इन्फोटेक बिजनेस के साथ जुड़े रहेंगे।’
अपने पश्चिम एशियाई कारोबार पर विचार करते हुए वासवानी ने कहा, ‘हम पश्चिम एशियाई क्षेत्र में अपने कारोबार में तेजी को जारी रखेंगे। हमारे सभी कारोबार डिवीजन गति और पैमाने पर खरे उतर रहे हैं। सऊदी अरब में भी हमारी स्थिति मजबूत बनी हुई है और निकट भविष्य में हमारा पश्चिम एशियाई कारोबार भी तेज विकास की राह पर है।’