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मामले वापस लेने के लिए तैयार केयर्न

Last Updated- December 12, 2022 | 1:16 AM IST

c ने आज कहा कि वह भारत सरकार द्वारा पिछली तिथि से कराधान को निरस्त करने और मामले के समाधान के प्रावधान को स्वीकार करती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि 1.2 अरब डॉलर के मध्यस्थता आदेश को लागू कराने के लिए भारत सरकार के खिलाफ दायर सभी मुकदमों को वापस लेने के लिए तैयार है। 
केयर्न एनर्जी की पूर्व सहायक इकाई केयर्न इंडिया का 2011 में अधिग्रहण करने वाली वेदांत भी मध्यस्थता मामले को वापस ले सकती है। वेदांत ने सिंगाुपर में भारत सरकार से करीब 5,000 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के लिए मामला दायर किया था।

लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्घ केयर्न एनर्जी भारत सरकार के साथ सांविधिक करार कर सकती है, जिसके तहत 2014 से कर विभाग द्वारा कंपनी से पिछली तिथि से कराधान मद में वसूली गई राशि और जब्त संपत्तियों का रिफंड प्राप्त कर सकती है। सरकार के खिलाफ सभी मामले वापस लेने के बाद कंपनी को कुल 7,900 करोड़ रुपये का रिफंड मिल सकता है। 

कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 के नियमों के मसौदा, जिसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पिछले हफ्ते जारी किया था, के अनुसार कंपनी को वसूली प्रक्रिया बंद करने और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करने का हलफनामा देना होगा। इसमें अपीली फोरम, मध्यस्थता, अदालत आदि में चल रहे मामले या कोई पारित आदेश आदि शामिल हैं। मसौदे में संबंधित पक्षों और शेयरधारकों को भी मामले वापस लेने का समर्थन करना होगा।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘वेदांत ने भी नए कानून में रुचि दिखाई है और सिंगापुर पंचाट में उसके द्वारा दायर मामले को वापस लिए जाने की उम्मीद है।’ उक्त अधिकारी ने कहा कि वेदांत का मामला भी केयर्न एनर्जी से ही जुड़ा हुआ है। इसलिए सभी को इस तरह के मामले वापस लेने की जरूरत होगी।

First Published - September 7, 2021 | 11:44 PM IST

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