जगुआर और लैंड रोवर ब्रांडों को अपने नाम करने वाली भारतीय ट्रक निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड कोष जुटाने के लिए टाटा स्टील लिमिटेड में हिस्सेदारी बेच सकती है।
क्रेडिट सुइस गु्रप ने यह जानकारी दी है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी सी. रामाकृष्णन द्वारा जगुआर और लैंड रोवर को 9200 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा के बाद टाटा मोटर्स ने कोष जुटाने के लिए अपनी हिस्सेदारी बेचने और ऋण लेने की योजना बनाई है। मुंबई स्थित इस कंपनी को कोष के लिए 12,000 करोड़ रुपये के अंतरिम ऋण की जरूरत है।
क्रेडिट सुइस के मुंबई स्थित विश्लेषक गोविंदराजन चेल्लप्पा ने ग्राहकों को लिखी एक रिपोर्ट में कहा है कि टाटा मोटर्स द्वारा टाटा स्टील में हिस्सेदारी बेचना प्रमुख रास्ता होगा। चेल्लप्पा ने टाटा मोटर्स स्टॉक पर अपना बेहतर प्रदर्शन कायम रखा है। मेरिल लिंच एंड कंपनी का कहना है कि टाटा मोटर्स के इस सबसे बड़े अधिग्रहण से प्रति शेयर लाभ में कटौती हो सकती है और ब्याज राशि में बढ़ोत्तरी।
टाटा स्टील ने पिछले वर्ष अपने नए शेयरों की बिक्री कर स्टील निर्माता कोरस गु्रप पीएलसी के अधिग्रहण पर अंशत: 51,600 करोड़ रुपये जुटाए।ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार यह ऑटो निर्माता कंपनी 2.612 करोड़ शेयरों के साथ टाटा स्टील की तीसरी सबसे बड़ी शेयरधारक है।
इसकी भागीदारी लगभग 1718 करोड़ रुपये है। कोरस के अधिग्रहण के बाद टाटा स्टील दुनिया के शीर्ष 10 स्टील निर्माताओं में शुमार हो गई है। इसके अलावा यह टाटा मोटर्स में तीसरी सबसे बड़ी शेयरधारक भी है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक इसकी भागीदारी 3.238 करोड़ शेयरों या 8.4 प्रतिशत की है।