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पेट्रोल-ब्याज से परेशान कार बाजार

Last Updated- December 07, 2022 | 8:42 AM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे की वजह से पहले ही परेशान भारतीय कार उद्योग की पेशानी पर रेपो दर में बढ़ोतरी के रिजर्व बैंक के कदम से ज्यादा ही बल पड़ गए हैं।


बिक्री के आंकड़ों को देखकर फिक्रमंद नामी कार कंपनियों को डर है कि ब्याज दर बढ़ाने के बैंकों के कदम से अब उनके सामने ग्राहकों का जबरदस्त टोटा हो सकता है। दरअसल ईंधन की कीमत बढ़ने से बड़ी तादाद में खरीदारों ने अपने कदम रोक लिए थे, जिसका असर कारों की बिक्री के आंकड़ों में देखने को मिला।

रेपो रेट बढ़ने के बाद तमाम बैंकों ने भी वाहन ऋण के लिए ब्याज की दर में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है, जिसकी वजह से किश्तों की रकम बढ़ सकती हैं। जाहिर है, चौतरफा महंगाई से जूझ रहा ग्राहक इस समय अपने बजट पर किसी तरह का बोझ नहीं पड़ने देगा। इसी वजह से कार कंपनियों को बिक्री में और गिरावट आने का अंदेशा है।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रवक्ता ने इस संबंध अभी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। लेकिन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कार कंपनियों क्या समूचे उद्योग जगत पर ही इस कदम का प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालांकि उनके मुताबिक कार की बिक्री पर निकट भविष्य में इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि ब्याज दर में बढ़ोतरी से मासिक किश्त यानी ईएमआई पर मामूली असर ही पड़ता है। इसके अलावा मारुति के पास मॉडलों की बड़ी शृंखला है, जिससे उसे बिक्री संभलने का पूरा भरोसा है।

कार निर्माण के मामले में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुंडई मोटर्स लिमिटेड को भी ब्याज दरों में इजाफे और महंगाई की मार से बिक्री में गिरावट का अंदेशा है। हुंडई के कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस प्रमुख राजीव मित्रा ने कहा, ‘पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से तो कार कंपनियां लड़खड़ाई ही हैं, लेकिन ब्याज दरों में इजाफे का असर सामने आने में समय लगेगा। कम से कम तुरंत तो बैंकों के इस कदम का असर नहीं दिखेगा। लेकिन अगली तिमाही की बिक्री में गिरावट आने का पूरा अंदेशा है।’

मित्रा ने कहा कि महंगाई बढ़ने की वजह से खरीदारों की जेब पर पहले ही हमला हो रहा है। उसके बाद ईंधन की कीमत बढ़ने से ऑटो उद्योग के प्रति बेरुखी का दौर शुरू हो गया था। तिस पर ब्याज दर बढ़ने का मतलब साफ है कि हुंडई की अगली तिमाही की बिक्री के आंकड़े पहले की तरह अच्छे नहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह दौर लंबे समय तक जारी रहता है, तो इस उद्योग को बीमार होने में वक्त नहीं लगेगा। फिएट इंडिया के एक सूत्र ने भी माना कि ब्याज दरें बढ़ने से बिक्री पर असर पड़ेगा।

उसने कहा कि उत्पादन लागत में इजाफा होने से कमोबेश सभी कार कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाई हैं, तिस पर वाहन ऋण महंगा हो जाने से ग्राहक नदारद हो जाना लाजिमी है। टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने भी इस बात से पूरी तरह सहमति जताई। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का यह कदम जले पर नमक छिड़कने जैसा है। लेकिन उन्होंने कहा कि कंपनी नए उत्पादों को बाजार में उतारकर बिक्री में गिरावट से निपट लेगी।

First Published - June 30, 2008 | 11:06 PM IST

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