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सीमेंट उद्योग करेगा क्षमता उपयोग में कटौती

Last Updated- December 07, 2022 | 12:00 PM IST

आर्थिक मंदी से जूझ रह घरेलू सीमेंट उद्योग वित्तीय वर्ष 2009 में अपने क्षमता उपयोग में 8 फीसदी तक की कटौती करेगा।


मंदी के अलावा 2010 तक नई क्षमता के बढ़ते प्रवाह के विपरीत इस उद्योग को मांग में कमी का सामना करना पड़ रहा है। सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए)के मुताबिक उद्योग ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 3.034 करोड़ टन की अतिरिक्त क्षमता हासिल की जो पूर्व में अनुमानित 2.224 करोड़ टन से अधिक है।

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.5 या इससे नीचे रहने के कारण बदलते आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रख कर इस उद्योग के जानकारों का कहना है कि सीमेंट कंपनियों पर अत्यधिक क्षमता और घटती मांग के कारण संकट गहराएगा।

सीएमए के अध्यक्ष एवं श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एच. एम. बंगुर ने कहा, ‘मौजूदा समय में सीमेंट उद्योग की क्षमता पर्याप्त है। वैसे मांग में इजाफा पूर्व की तरह ज्यादा नहीं बना रहेगा। प्रमुख क्षेत्र मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2009 में घरेलू सीमेंट उद्योग का औसतन क्षमता उपयोग पिछले साल के 95 फीसदी से घट कर 87 फीसदी रह जाएगा।’

मुंबई के एक विश्लेषक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वित्तीय वर्ष 2010 में क्षमता उपयोग घट कर 78 फीसदी हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘बाजार में मांग घटने पर कोई भी कंपनी सिर्फ गोदाम भरने के लिए सीमेंट का उत्पादन नहीं करेगी।’ इसके अलावा निर्यात मोर्चे पर भी इस उद्योग को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

घरेलू सीमेंट उद्योग के लिए प्रमुख निर्यात बाजार पश्चिम एशिया वित्तीय वर्ष 2010 तक अधिशेष क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। इससे सीमेंट निर्यात के लिए संभावनाएं कम हो जाएंगी और कंपनियां अपनी निर्यात सामग्रियों को घरेलू बाजार में खपाने को बाध्य होंगी। सीमेंट उद्योग की विकास दर में कमी या तेजी देश की जीडीपी पर निर्भर करती है। सीमेंट कंपनियों और इस उद्योग के जानकारों का कहना है कि उद्योग की विकास दर 10 फीसदी से नीचे रहेगी।

First Published - July 18, 2008 | 12:13 AM IST

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