भले ही विमान ईंधन (एटीएफ)की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन स्पाइसजेट और इंडिगो जैसी कम किराया वसूलने वाली विमानन कंपनियों ने फिलहाल किराया नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
भारतीय विमानन कंपनियों के लिए लॉबिंग करने वाली संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) की दिल्ली में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें विमान किराया अहम मुद्दा था।
इस बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘सभी विमानन कंपनियों ने उस वक्त किराए में बढ़ोतरी का फैसला लिया था जब 1 जून को एटीएफ कीमत बढ़ाने की घोषणा की गई थी। लेकिन बाद में एटीएफ पर उत्पाद शुल्क में कटौती के कारण एटीएफ की कीमतों में कमी आने पर किसी भी एयरलाइन ने ईंधन सरचार्ज यानी बेसिक किराए में कमी नहीं की। इसलिए विमानन कंपनियों ने इस सत्र में किराया नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।’
उन्होने कहा, ‘कुछ बड़ी विमानन कंपनियों की ओर से इसे लेकर प्रतिरोध देखने को मिला है, लेकिन आखिरकार वे किराया नहीं बढ़ाने पर सहमत हो गई हैं।’ इस साल यह पहला मौका है जब एटीएफ दरों में इजाफा होने के बावजूद विमानन कंपनियां किराया नहीं बढ़ा रही हैं। जनवरी से लेकर अब तक एटीएफ की कीमतें चार बार बढ़ाई जा चुकी हैं और दो बार इनमें कमी की गई है। स्पाइसजेट और इंडिगो ने कहा है कि वे इस महीने किराया नहीं बढ़ा रही हैं और यह तुरंत पता नहीं लगाया जा सकता कि बड़ी विमानन कंपनियों ने इस मुद्दे पर अभी कोई फैसला लिया है या नहीं।
देश की तेल विपणन कंपनियों ने एटीएफ की कीमतों में 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। कोलकाता में एटीएफ की कीमतों में 7.04 फीसदी का इजाफा हुआ है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में एटीएफ कीमतें तकरीबन 4.35 फीसदी तक बढ़ी हैं। अधिकारियों के मुताबिक एफआईए ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस बारे में एक पत्र लिखने का फैसला किया है। बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई हवाई अड्डे सामान्य उपभोक्ता फीस पर लेवी का विरोध जता रहे हैं। कॉमन यूजर टर्मिनल्स और कॉमन आईटी सिस्टम्स को हाल ही में इन हवाई अड्डों पर स्थापित किया गया है।