कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने विस्तार के लिए 18,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी यह रकम 11वीं और 12वीं योजना के दौरान देश भर में 119 नई कोयला खदानों का कार्य शुरू करने के लिए निवेश करेगी। इनमें से कुछ परियोजनाओं को मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री संतोष बगरोडिया ने हाल ही में हैदराबाद में घोषणा की थी कि सीआईएल की कुछ परियोजनाओं को जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। कंपनी की 119 नई परियोजनाओं के अलावा 10वीं योजना की 6 परियोजनाएं पहले से ही सरकार के पास लंबित है। इन परियोजनाओं को मिलाकर सरकार के पास सीआईएल की कुल 125 परियोजनाएं हैं।
इन परियोजनओं पर काम शुरू करने से पहले सरकार और सीआईएल के निदेशक मंडल से मंजूरी मिलना जरूरी है। सीआईएल के निदेशक (तकनीक) एन सी झा ने कहा, ’11वीं और 12वीं योजना के दौरान पूरी की जाने वाली सभी 125 परियोजनाओं में से ,27 परियोजनाओं को पहले ही अलग अलग स्तरों पर मंजूरी मिल चुकी हैं। लेकिन अभी भी कुछ परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी मिलना जरूरी है।’
ग्याहरवीं योजना के अंत तक सीआईएल की योजना उत्पादन बढ़ाकर 5,205 लाख टन करने की है। 12वीं परियोजना के अंत तक कंपनी की योजना उत्पादन बढ़ाकर 6,640 लाख टन तक पहुंचाने की है। कंपनी 11वीं योजना के इस लक्ष्य में से 1,860 लाख टन पहले से ही मौजूद खदानों से, 1,650 लाख टन चालू परियोजनाओं से और 1,690 लाख टन शुरू होने वाली नई परियोजनाओं के जरिये प्राप्त करने की है।
इसी तरह 12वीं योजना के दौरान भी 1,510 लाख टन पहली, 1,820 लाख टन चालू और 3,210 लाख टन नई परियोजनाओं से उत्पादन कर इस लक्ष्य को प्राप्त करना है। सीआईएल की नई परियोजनाओं में से ज्यादातर भूमिगत खदानों के विकास की परियोजनाएं हैं।
कंपनी की योजना आने वाले दो साल में भूमिगत खदानों से होने वाले उत्पादन को 430 लाख टन से बढ़ाकर 750 लाख टन करने की है। सीआईएल का भूमिगत खदानों से उत्पादन वर्ष 1974-75 में 650 लाख टन था जो घटकर अब 430 लाख टन ही रह गया है।
कोल इंडिया के अधिकारी 20-50 लाख टन की विदेशी भूमिगत खदानों को विकसित करने के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए कंपनी ने भूमिगत खदानों में विशेषज्ञ माने जाने वाले ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया और मोजांबिक जैसे देशों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए नीति बना रही है। नई भूमिगत खदानों के विकास के लिए कोल इंडिया पहले चरण में 1,500 करोड़ रुपये लगाकर 5 भूमिगत खदान विकसित करेगी।
सीआईएल की देश भर में 318 भूमिगत खदानें हैं। इसमें से लगभग 80 फीसदी खदानों से कंपनी को लगभग 3084 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अभी कुद दिन पहले ही कोल इंडिया ने 60 भूमिगत खदानों को बंद किया है। इन खदानों से कंपनी को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हुआ था।