स्लीक और खूबसूरत बॉडी, 2 मेगा पिक्सल कैमरा, एफएम रेडियो, एमपी3 प्लेयर, वीडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो प्लेबैक, दोहरे सिम लगाने की क्षमता, दोहरे स्पीकर, ब्लूटूथ और 2 गीगाबाइट्स तक की स्टोरेज क्षमता वाले सेलफोन महज 2,000 रुपये में।
भरोसा नहीं हुआ, लेकिन यह सच है और ये हैंडसेट भी आजकल सुपरहिट हैं। दरअसल हैंडसेट बनाने वाली भारतीय कंपनियों ने किसी तरह का ऑफर नहीं निकाला है और न ही अचानक उन्होंने दाम में कटौती की है। ये हैंडसेट तो चीन की ओर से भारतीयों को तोहफा है।
ये हैंडसेट चीन की कंपनियों के बनाए हुए हैं और यहां उनकी बिक्री पूरे शबाब पर है। ऑटो रिक्शा चालक से लेकर पटरी पर सामान बेचने वाले और कॉलेज जाने वाले छात्रों के बीच इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। राजधानी ही नहीं समूचे उत्तर भारत में इनका कारोबार जोर पकड़ रहा है। दिल्ली में तो हैंडसेट बेचने वाली शायद ही ऐसी कोई दुकान बची हो, जहां चाइनीज हैंडसेट का बैनर आपको न दिखे।
खास तौर पर पूर्वी दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास के बाजार चाइनीज हैंडसेट से अटे पड़े हैं क्योंकि यहां छात्र ज्यादा रहते हैं। पूर्वी दिल्ली में इनकी बिक्री करने वाले डीलरों के मुताबिक नामी कंपनियों के इंट्री लेवल के हैंडसेटों के लिए ये खतरा हैं। दरअसल एफएम रेडियो वाले ब्रांडेड हैंडसेट लगभग 2,000 रुपये में आते हैं। इसी दाम में कैमरा और एमपी3 प्लेयर वाले चाइनीज हैंडसेट मिल जाते हैं।
उनकी बात गलत भी नहीं है। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में 75 फीसद से ज्यादा अंक हासिल करने वाले आईपी एक्सटेंशन निवासी अंकित मित्तल ने हाल ही में चाइनीज हैंडसेट खरीदा है। उनका कहना है, ‘मेरे लिए तो यही आईफोन है। इससे ज्यादा फीचर केवल 3,000 रुपये में और कहां मिलेंगे। अगर कुछ महीने चलने के बाद इसमें बड़ी खराबी आ भी गई, तो अपनी 3 महीने की पॉकेट मनी में कुछ पैसे बचाकर मैं नया फोन ले लूंगा।’
अगर कुछ ज्यादा रकम खर्च की जाए, तो 4,000 से 6,000 रुपये के बीच टच स्क्रीन, स्टायलस और टीवी टयूनिंग जैसे फीचरों वाला फोन आपको मिल जाएगा। हैंडसेट के मशहूर ग्रे मार्केट ‘गफ्फार मार्केट’ में तो और भी मारामारी है। बाजार में जो हैंडसेट आपको 3,000 रुपये का मिलता है, वह यहां महज 2,100 या 2,200 रुपये में मिल जाएगा।
वहां थोक कारोबारी सुभाष कंसल ने कहा, ‘चीनी हैंडसेट की इस समय सबसे ज्यादा मांग है। यहां से रोजाना हजारों की तादाद में ये सेट दिल्ली भर में जाते हैं।’ यह बात दीगर है कि चीनी हैंडसेट पर कोई वारंटी नहीं होती। अगर खरीदारी के महज 1 घंटे बाद इस फोन में कोई दिक्कत आ गई, तो दुकानदार आपकी कोई मदद नहीं करेगा। यही वजह है कि इन्हें बेचते समय वह आपको बिल भी नहीं देता। लेकिन डीलरों के मुताबिक स्थानीय स्तर पर इन हैंडसेट को ठीक करने वाले भी मौजूद हैं।
वैसे जिन्हें वारंटी की दरकार है, चाइनीज हैंडसेट उन्हें भी निराश नहीं करते। चीन की कंपनी सिग्माटेल हो या मेलबोन या सैमेंटेक कई कंपनियां इन पर वारंटी भी दे रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई कंपनी मेलबोन के हैंडसेट के कनॉट प्लेस स्थित अधिकृत विक्रेता संजीव मल्होत्रा ने बताया, ‘सर्विस के लिए हमारे पास 200 से भी ज्यादा केंद्र हैं, जो पूरे देश में हैं। इसी वजह से कंपनी के हैंडसेट की कीमत भी ज्यादा है।’
अब तो हैंडसेट की बिक्री करने वाली रिटेल शृंखला ‘हॉटस्पॉट’ ने भी इनका कारोबार शुरू कर दिया है। वहां से खरीदारों को 1 साल की वारंटी मिलती है। तकनीकी खराबी आने पर हैंडसेट की मरम्मत और उन्हें बदलना तक वारंटी के इस दायरे में शामिल है।