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ईएसपीएन को फीफा फुटबाल अधिकारों से धनवर्षा की उम्मीद

Last Updated- December 07, 2022 | 9:03 AM IST

देश में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं है, जो प्रसारणकर्ताओं पर पैसा बरसा सकता है। भारतीय टेलीविजन पर फुटबाल का प्रसारण भी खेल प्रसारकों के लिए खुशखबर दे रहा है।


खेल प्रसारकण कर्ता ईएसपीएन इंडिया को उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में सिर्फ फुटबाल के दौरान विज्ञापनों के प्रसारण से ही चैनल को 250 करोड़ रुपये की आय हो जाएगी। यह काफी अहम है, क्योंकि फुटबाल से अभी किसी भी खेलों के प्रसारणकर्ता को जितनी भी आय हुई है, वह क्रिकेट के मुकाबले काफी कम है।

ईएसपीएन फुटबाल को लेकर इसलिए इतना उत्साहित है, क्योंकि उसने 275 अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैचों, जिसमें 2010 फीफा विश्व कप के 64 मैच शामिल हैं, के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में प्रसारण के अधिकार हासिल कर लिए हैं। पिछले 10 महीनों में चैनल की ओर से प्रसारित चार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंटों में चैनल को औसतन 500 करोड़ रुपये की आय हुई है। इन टूर्नामेंटों में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज और दक्षिण अफ्रीका में 20-20 विश्व कप भी शामिल थे।

उद्योग सूत्रों के अनुसार, ईएसपीएन ने प्रसारण अधिकार प्राप्त करने के लिए लगभग 160 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी टेन स्पोट्र्स (निलामी की राशि लगभग 152 करोड़) को पीछे छोड़ा है। मीडिया विशेषज्ञ का कहना है, ‘2006 फीफी विश्व कप के मुकाबले ईएसपीएन ने इस बार समान प्रसारण अधिकारों के लिए चार गुना राशि चुकाई है। इसे संकेत मिलता है कि खेल प्रसारणकर्ताओं को लगता है कि फुटबाल के प्रसारण से भी पैसा कमाया जा सकता है।’

बताया जाता है कि ईएसपीएन ने हाल ही खत्म हुए यूरो 2008 फुटबाल चैम्पियनशिप के लिए उन्होंने विज्ञापनदाताओं से 25 करोड़ रुपये कमाए हैं। मीडिया विशेषज्ञों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैचों के लिए बढ़ती व्यूअरशिप के चलते विज्ञापनदाताओं ने अपनी मीडिया योजनाओं में बड़े फुटबॉल टूर्नामेंटों को शामिल करना शुरू कर दिया है। ईएसपीएन के अनुसार 2006 फीफा विश्व कप को 5 करोड़ भारतीयों ने सिर्फ ईएसपीएन स्टार स्पोट्र्स प्रसारण के जरिये देखा था, जो 2002 फीफा विश्व कप के मुकाबले 44 प्रतिशत अधिक है।

एक वरिष्ठ मीडिया योजनाकार ने कहा, ‘2010 फीफा विश्व कप में दर्शकों की संख्या 8 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। और इतने बड़े दर्शकों के समूह तक पहुंचने के लिए विज्ञापनदाता विज्ञापनों के लिए बजट का काफी अहम हिस्सा खर्च कर सकते हैं।’ मीडिया उद्योग के सूत्रों का कहना है कि हर फीफा विश्व कप मैच के लिए विज्ञापनों से होने वाली आय में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाना अब नामुमकिन बात नहीं है, क्योंकि विज्ञापनदाताओं ने यूरो 2008 के हर मैच के लिए लगभग 65 से 75 लाख रुपये चुकाए हैं, जबकि यह मैच मुख्य तौर पर आधी रात के बाद शुरू होते थे। गुड़गांव के एक मीडिया योजनाकार का कहना है, ‘दक्षिण अफ्रीका में होने वाला 2010 फीफा विश्व कप शाम के वक्त देखा जाएगा, इसलिए काफी बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित किया जा सकता है।

First Published - July 3, 2008 | 10:53 PM IST

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