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अर्धवार्षिक अनुबंध में कीमतें बढऩे के आसार

Last Updated- December 15, 2022 | 3:47 AM IST

लॉकडाउन के दौर से उबर रही वाहन कंपनियां स्टील फर्मों के साथ अर्धवार्षिक अनुबंध में 10 से 12 फीसदी की कीमत बढ़ोतरी का सामना कर सकती हैं। कई महीनों की बातचीत के बाद कुछ कंपनियों ने अनुबंध को हरी झंडी दे दी है, लेकिन उनमें से ज्यादातर ने यह बढ़ोतरी अक्टूबर तक टालने का फैसला किया है।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा, कंपनी ने कुछ वाहन कंपनियों के साथ अर्धवार्षिक अनुबंध कर लिया है। हम वाहनों की मांग में सुधार देख रहे हैं, जो उम्मीद से बेहतर है। छोटी कार की मांग बढ़ रही है क्योंकि लोग व्यक्तिगत वाहन का विकलल्प चुन रहे हैं। हालांकि समझा जाता है कि आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया ने अप्रैल-सितंबर का अनुबंध किया था, लेकिन इसका क्रियान्वयन अक्टूबर से मार्च के दौरान हो सकता है।
वाहन कंपनियों के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि स्टील कंपनियों व वाहन दिग्गजों मसलन मारुति सुजूकी, हुंडई और एमऐंडएम के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।
एक वाहन कंपनी के खरीद प्रमुख ने कहा, हम चाहेंगे कि कच्चे माल की लागत स्थिर हो, जो हमें वैसे समय में वाहनों की कीमत स्थिर रखने में मदद करेगा जब उद्योग संकट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। हम इस पर अभी एतराज जता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्टील निर्माताओं ने वाहन कंपनियों को पूरा फायदा नहींं दिया जब अक्टूबर में कीमतें घट गई थी। हम इसका हवाला देते हुए अभी प्रतिरोध कर रहे हैं। एक कार कंपनी के बिक्री प्रमुख ने कहा, अगर कीमतें अंतत: बढ़ती है तो हमारे पास बढ़ी लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। यह उपभोक्ताओं की मांग पर असर डालेगा। उन्होंने कहा कि स्टील कंपनियां न्यूनतम आयात शुल्क का अनुचित फायदा उठा रही हैं, जो सस्ते आयात से उन्हें सुरक्षित रखने के लिए लगाया गया है।
मारुति सुजूकी और हुंडई के प्रवक्ता ने इस मसले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी से वाहन कंपनियोंं के लिए समस्या पैदा होगी, जो एक साल से ज्यादा समय से मंदी का सामना कर रहे हैं। महामारी ने इस संकट को और बढ़ा दिया है और हाल में उनमें थोड़ा सुधार दिखा है।
स्टील व वाहन कंपनियों के बीच अनुबंध अर्धवार्षिक होता है। दूसरी छमाही (2019-20) के लिए अनुबंध मार्च में हुआ। अप्रैल से बातचीत होनी थी, लेकिन लॉकडाउन से यह टल गया लेकिन जून में दोबारा बातचीत शुरू हुई।
दूसरी छमाही के लिए स्टील कंपनियों ने वाहन कंपनियोंं को सहारा देने के लिए कीमतें 11-14 फीसदी घटाई थी।
करीब एक करोड़ टन ऑटोमोटिव स्टील की मांग मोटे तौर पर टाटा स्टील, टाटा स्टील बीएसएल, जेएसडब्ल्यू स्टील, एस्सार स्टील, पोस्को आदि  पूरी करती है।

First Published - August 4, 2020 | 12:25 AM IST

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