हीरे और गहनों के कारोबार से जुड़ी मुंबई की अग्रणी कंपनी गीतांजलि जेम्स अब विश्व स्तर पर गहनों के खुदरा कारोबार में उतरने की योजना बना रही है।
वैसे, अभी हाल ही में यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों की वजह से चर्चा में भी थी। फिलहाल तो 3,500 करोड़ रुपये की यह कंपनी घरेलू बाजार में अपनी जगह मजबूत बनाने की फिराक में है ।
अमेरिका में गहनों के खुदरा कारोबार से जुड़ी सैमुअल्स ज्वेल्स के अधिग्रहण के बाद गीतांजलि जेम्स को अब गहनों को सबसे बड़े बाजार में उतरने का मौका मिला है। इसने कुछ ही दिनों पहले रोजर को भी खरीदा जो 46 स्टोर्स चला रही है। इस कंपनी ने अब अमेरिका में 300 से लेकर 400 तक आउटलेट्स खोलने का लक्ष्य रखा है।
ऐसी बात नहीं है कि यह कंपनी केवल विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण में ही व्यस्त है। इसने भारत में डायमंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के हाईप्रोफाइल ब्रांड ‘नक्षत्र’ का बहुचर्चित अधिग्रहण किया था। गौरतलब है कि ‘नक्षत्र’ की वजह से ही देश में गहनों के खुदरा कारोबार में बदलाव आया था। गीतांजलि यह उम्मीद कर रही है कि नक्षत्र से उसे अगले पांच सालों में एक हजार करोड़ रुपये की कमाई होगी।
इससे उसे लाइफस्टाइल श्रेणी में अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। हाल ही में इसने सिल्वर ज्वैलरी ब्रांड लुसेरा और एक घड़ी की कंपनी को खरीदा है। वैसे, कंसल्टेंसी फर्म एटी किर्यनी के नीलेश हुंदेकारी का कहना है कि ज्वेलरी कंपनियों के लिए लाइफस्टाइल सेगमेंट के साथ सस्ते बाजार में रहना बेहद जरूर है।
अमेरिका में बढ़ती मंदी के मौजूदा असर से कंपनियों को अपने कारोबार को बढ़ाने का बेहतर मौका मिलेगा। फिलहाल गीतांजलि के पास 60 ब्रांड हैं। जब इस कंपनी को लगा कि यह ब्रांडेड ज्वेलरी के कारोबार में आ सकती है तब इसने 1994 में गोल्ड ज्वेलरी बै्रंड गिली लांच किया।
इस कंपनी के चेयरमैन मेहुल चोस्की हीरों के कारोबारियों के परिवार से ही है। वह गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित एक छोटे शहर पालनपुर के हैं, जहां से भारत के कई हीरे के कारोबारी जुड़े हैं। चोस्की ने बहुत कम उम्र में ही अपने पिता के हीरों के कारोबार क ो संभाल लिया था। चोस्की ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि, ‘कंपनी गहनों के निर्माण से लेकर खुदरा क्षेत्रों में पांच स्तरों में काम करती है।
हालांकि, आगे भी गहनों का कारोबार ही हमारा मुख्य कारोबार है लेकिन हम इससे जुड़े उत्पादों में भी बेहतर मौकों की गुंजाइश बनाएंगे।’ इसी के मद्देनजर खुदरा क्षेत्र में अपने कारोबार को बढ़ाने के मकसद से गीतांजलि ने अपनी एक सहायक कंपनी गीतांजलि लाइफस्टाइल बनाई है।
गीतांजलि लाइफस्टाइल देश और विदेशों के कई ब्रांडों के साथ भी डील कर रही है ताकि घड़ियों, चांदी के सामानों, एक्सेसरीज और कलादीर्घा जैसे क्षेत्रों में भी अपना परचम लहरा सके । अब इस कंपनी की यह चाहत है कि इसे इंडियन क्रिकेट लीग के कोलकाता टाइगर टीम के लिए प्रायोजक का अधिकार मिल जाए।
यह कंपनी विंबलडन ज्वेलरी कलेक्शन भी ला रही है और युवाओं से जुड़ने के लिए फै शन कार्यक्रमों में भी अपना सहयोग दे रही है। इस उद्योग के सूत्रों के मुताबिक गीतांजलि खुदरा कारोबार के क्षेत्र में 2009-10 तक 300 करोड़ रुपये तक का कारोबार कर लेगी।