भारतीय दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स मझोले या बड़े आकार की दवा कंपनी के अधिग्रहण की योजना बना रही है।
सूत्रों के अनुसार ग्लेनमार्क ने अधिग्रहण के लिए कंपनियों की पहचान का काम शुरू कर दिया है। अगर यह सौदा पूरा होता है तो किसी भारतीय दवा कंपनी की ओर से अमेरिका में खास किस्म की औषधि बनाने वाली कंपनी के अधिग्रहण का यह पहला मामला होगा।
हालांकि कंपनी ने अभी इस बात के खुलासे से इनकार किया कि अधिग्रहण के लिए किन कंपनियों से संपर्क साधा जा रहा है और अधिग्रहण का आकार क्या होगा। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक ग्लेन सलदान्हा ने कहा, ‘हमारी योजना अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी के अधिग्रहण करने की है जिसकी पहुंच डॉक्टरों तक हो। यह एक महत्त्वपूर्ण निवेश हो सकता है, पर इस बारे में खुलासा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी।’
इस 1,978 करोड़ रुपये वाली भारतीय दवा कंपनी का अमेरिका में अपनी सहायक कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स इंक (जीपीआई) के जरिए अमेरिका में दखल है। यह ग्लेनमार्क जेनेरिक्स लि. की फ्रंट-एंड कारोबारी इकाई है। अमेरिका में यह अधिग्रहण ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के जरिए किया जाएगा। कंपनी के पास ब्रांडेड दवाओं का विशाल पोर्टफोलियो है और उम्मीद है कि वह 2012 तक अस्थमा और मधुमेह के लिए दो नई दवाएं तैयार करेगी।