देश में सस्ती विमान यात्रा की शुरुआत करने वाली कंपनी एयर डेक्कन का अस्तित्व किंगफिशर एयरलाइंस के साथ विलय के बाद खत्म होने वाला है।
इसी साल की दूसरी छमाही में कंपनी के खत्म होने की बात तो कही जा चुकी है, अब उसके चेयरमैन जी आर गोपीनाथ भी कंपनी के प्रमोटर समूह से निकल गए हैं।उद्योगपति विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर और डेक्कन के विलय के बाद बनी कंपनी डेक्कन एविएशन लिमिटेड की ओर से आज इस बाबत घोषणा की गई। प्रमोटर समूह से डेक्कन के निदेशकों के जे सैमुअल और विष्णु सिंह रावल भी समूह से बाहर हो गए हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस यूबी समूह की कंपनी है। समूह ने पिछले साल अगस्त में डेक्कन एविएशन में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की थी। कुछ समय बाद उसने 20 फीसदी हिस्सेदारी और खरीद ली। दोनों कंपनियों के विलय का ऐलान दिसंबर में किया गया था। विलय की प्रक्रिया इसी साल जून तक पूरी हो जानी है।
गोपीनाथ नई कंपनी में वाइस चेयरमैन का पद संभालेंगे। सैमुअल और रावल को नई कंपनी में निदेशक के पद दिए जाएंगे।इस बीच गोपीनाथ ने कार्गो के कारोबार में हाथ डालने की योजना बना ली है।वह देश भर में कार्गो एयरलाइन का खाका तैयार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वह बड़े शहरों में कार्गो केंद्र बनाएंगे।इन केंद्रों में तकरीबन 800 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होने की संभावना है।
इसके लिए गोपीनाथ की कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ बात चल रही है। दोनों की योजना के मुताबिक नागपुर या हैदराबाद कार्गो हब का काम करेंगे। उनके अलावा देश भर में छोटे केंद्र भी शृंखला के तौर पर जुड़े होंगे। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बेकार पड़ी हवाई पट्टियां इसमें काम आएंगी।