facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ग्रीन पैकेजिंग से दवा कंपनियां होंगी हरी-भरी

मर्क लाइफ साइंस ने रसायन ढुलाई के लिए एक बार उपयोग वाली कांच की बोतलों के स्थान पर फिर से इस्तेमाल होने वाले स्टील के ड्रमों का उपयोग शुरू कर दिया है।

Last Updated- June 11, 2024 | 10:21 PM IST
Benefit or challenge to pharmaceutical exporters due to falling rupee? Experts are explaining the complete mathematics of profit and loss

फार्मास्युटिकल कंपनियां पैकेजिंग के लिए पुराने तरीके के बजाय सस्टेनेबल यानी टिकाऊ पैकेजिंग सामग्री अपना रही हैं। इसका मकसद कार्बन उत्सर्जन घटाना है। यह पहल नियामकीय जरूरतों और पर्यावरण, सामाजिक एवं प्रशासनिक लक्ष्यों दोनों पर केंद्रित है।

मर्क लाइफ साइंस ने रसायन ढुलाई के लिए एक बार उपयोग वाली कांच की बोतलों के स्थान पर फिर से इस्तेमाल होने वाले स्टील के ड्रमों का उपयोग शुरू कर दिया है। इस बदलाव से कार्बन उत्सर्जन घटा है और ग्राहकों का अपशिष्ट निपटान का लॉजिस्टिक बोझ कम हुआ है।

मर्क लाइफ साइंस के निदेशक, बिक्री प्रमुख (सॉल्वैंट्स, इनऑर्गेनिक्स, सेफ्टी ऐंड एसेंशियल्स) अतुल बड़जात्या ने कहा, ‘भारतीय उद्योग में यह बदलाव मुख्य रूप से नियमों और ग्राहकों की मांगों, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका के प्रमुख आयातकों की मांग के कारण आया है।’

टिकाऊ सामग्रियां अपनाने के लिए कीमत चुकानी पड़ती है। बड़जात्या ने कहा, ‘25 लीटर के स्टील ड्रम की शुरुआती कीमत 7,000-8,000 रुपये है जो 2.5 लीटर की कांच की बोतलों (100 रुपये प्रति बोतल) की तुलना में काफी अधिक है। हालांकि लंबी अवधि में लागत में बचत और पर्यावरण लाभ काफी अधिक हैं, क्योंकि इस्पात के ड्रमों का 20 बार फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है और अपने जीवन चक्र में वह 400 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड की कमी करता है। इसीलिए हमने इसे अपनाने का निर्णय लिया।’ कंपनी अक्षय ऊर्जा में भी निवेश कर रही है। उसके मुंबई संयंत्र में आधी बिजली इसी से मिलती है।

मर्क एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, लेकिन यह रुझान घरेलू दवा कंपनियों में भी लोकप्रिय हो रहा है। वीनस रेमेडीज सिंगल-यूज प्लास्टिक की जगह पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल कर कार्बन उत्सर्जन में कमी ला रही है। कंपनी ने एम्पुल पैकेजिंग के लिए पेपर ट्रे और लेमिनेटेड के बजाय ईको-फ्रेंडली अल्ट्रावायलेट-कोटेड डिब्बों को अपनाया है।

लाने-ले जाने के मकसद से कंपनी पैकेजिंग आकार में बदलाव के लिए एल्गोरिदम तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है। वीनस रेमेडीज में अध्यक्ष (ग्लोबल क्रिटिकल केयर) सारांश चौधरी का मानना है कि नए पैकेजिंग विकल्प की लागत ऊंची है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि समय के साथ कीमतें कम हो जाएंगी।

बायोडिग्रेडेबल श्रिंक रैप की कीमत प्लास्टिक की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा महंगी है और पेपर ट्रे भी उनके प्लास्टिक समकक्षों के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत महंगी हैं। उन्होंने कहा कि वॉयल सील जैसी आवश्यक प्लास्टिक पैकेजिंग के विकल्पों के लिए हम सप्लायरों से बात कर रहे हैं।

फार्मा उद्योग को पैकेजिंग समाधान की सबसे बड़ी सेवा प्रदाताओं मे से एक एसीजी भी सस्टेनेबल तरीके अपना रही है। कंपनी पॉलिमर उत्पादन में जीवाश्म ईंधन की खपत घटाने पर जोर दे रही है और रीसाइकल वाली पैकेजिंग तैयार कर ही है। कंपनी ने पारंपरिक प्लास्टिक पैकेजिंग के विकल्प के रूप में कागज-आधारित लेमिनेट और एल्युमीनियम ब्लिस्टर पेश किए हैं।

First Published - June 11, 2024 | 10:10 PM IST

संबंधित पोस्ट