रुह आफजा की निर्माता कंपनी हमदर्द लैबोरेट्रीज इस साल 33 प्रतिशत विकास दर और लगभग 250 करोड़ के कारोबार के साथ वापसी की योजना बना रही है।
कंपनी की विकास दर पिछले कुछ सालों से दहाई आंकड़ों में भी नहीं पहुंच पा रही थी। कंपनी ने पिछले साल मुख्य विपणन अधिकारी अरशद सिद्दीकी की देखरेख में काफी फेरबदल किए हैं। इससे कंपनी को अच्छे परिणामों की उम्मीद है। हमदर्द की तुलना हमेशा ही डाबर कंपनी के साथ की जाती रही है।
दरअसल दोनों ही कंपनियां आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने के लिए जानी जाती हैं और दोनों का लक्षित जनसमूह भी एक ही है। दोनों कंपनियों की स्थापना भी लगभग एक ही समय में की गई थी। जहां डाबर का सालाना कारोबार लगभग 2,000 करोड़ का है वहीं हमदर्द इस मुकाबले में काफी पिछड़ गई है। विशेषज्ञों की माने तो हमदर्द की इस हालत के लिए उनका गैर-व्यावसायिक नजरिया जिम्मेदार है। हालांकि हमदर्द अब इस घाटे से उबरने के लिए निवेश कर रही है।
इस साल कंपनी कई सारे नए उत्पाद भी लांच करने जा रही है। कंपनी ग्राहकों की सुविधाओं के हिसाब से भी श्रेणियों का अलग अलग परिचालन करेगी। सिद्दीकी ने बताया कि कंपनी ने जो रणनीति बनाई है उसमें – मुख्य उत्पादों का कायाकल्प करना, नए उत्पाद लांच करना, रणनीतिक व्यापारी इकाइयों का पुननिर्माण और वितरण नेटवर्क को और बेहतर बनाना शामिल हैं।
कंपनी को लगता है कि रुहआफ्जा, सिंकारा और साफी जैसी ब्रांडों के विकास की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं। कंपनी ने इसके लिए मार्केटिंग अभियान भी शुरू कर दिया है। कंपनी ने अपनी मुख्य ब्रांड रुहआफ्जा के लिए सिने तारिका जुही चावला को अपना ब्रांड ऐंबेस्डर बनाया है। साफी ब्रांड के प्रचार के लिए कंपनी फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता की सहप्रायोजक भी बन गई है। उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार में मार्केटिंग अभियानों का बहुत महत्व होता है।
हमदर्द ने इसके लिए विज्ञापन कंपनी जेडब्ल्युटी को यह जिम्मेदारी सौंपी हैं। कंपनी को रुहआफ्जा की बिक्री से लगभग 26 प्रतिशत विकास दर बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी की रुहआफ्जा, साफी, सिंकारा, जोशीना, सुआलीन और रोगन बादाम शिरीन मुख्य ब्रांड् हैं। कंपनी की कुल आय में इनका योगदान लगभग 60 फीसदी होता है। सिद्दीकी इससे पहले आईटीसी लाइफस्टाइल के लिए काम करते थे।