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हिंदुस्तान जिंक करेगी विस्तार

Last Updated- December 05, 2022 | 11:44 PM IST

वेदांत समूह की इकाई हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने अपनी परियोजनाओं के विस्तार का ऐलान किया है।


कंपनी एकीकृत खनन और कैप्टिव पावर उत्पादन क्षमताओं के साथ अपनी एकीकृत जस्ता-सीसा की उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर 1,065,000 टन करेगी। इसके साथ ही कंपनी 2010 तक विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता-सीसा निर्माता बन जाएगी।


इन परियोजनाओं पर तकरीबन 3600 करोड़ रुपये का कुल निवेश किए जाने का अनुमान है। इस निवेश में स्मेल्टर की लागत, कैप्टिव विद्युत इकाइयां, खदान विकास और अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों पर किया जाने वाला खर्च शामिल है।


जिन परियोजनाओं का विस्तार किया जाएगा उनमें दो स्मेल्टर परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से  जस्ता की उत्पादन क्षमता 210,000 केटी और  सीसे की 100,000 केटी बढ जाएगी। इन परियोजनाओं को राजस्थान के रजपुरा दरीबा में कार्यान्वित किया जाएगा।


कंपनी का सिल्वर और सिल्वर के अपशिष्ट के रूप में सिल्वर उत्पादन 100-200 टन प्रति वर्ष के मौजूदा स्तर से बढ़कर लगभग 500 टन प्रति वर्ष के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है।


स्मेल्टर क्षमता में बढ़ोतरी से कंपनी रामपुरा अगूचा खदान में अपनी सालाना अयस्क उत्पादन क्षमता 50 लाख टन से बढ़ा कर 60 लाख टन करेगी।  इसके अलावा सिंडेसर खुर्द खदान में भी सालाना अयस्क उत्पादन क्षमता 3 लाख से बढ़ा कर 15 लाख टन की जाएगी। कंपनी कयार खदान में भी खनन कार्य शुरू करेगी जिसकी उत्पादन क्षमता 3 लाख टन होगी।


कंपनी राजपुरा दरीबा में 160 मेगावाट की क्षमता के साथ एक ताप विद्युत संयंत्र भी स्थापित करेगी। जस्ता और सीसी स्मेल्टरों के अलावा 160 मेगावाट की क्षमता वाले विद्युत संयंत्र और रामपुरा अगूचा खदान विस्तार के कार्य को 2010 के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा। सिंडेसर खुर्द और कयार खदानों में विस्तार कार्य 2012 तक चरणबद्ध तरीके से पूरा कर लिया जाएगा।

First Published - April 25, 2008 | 12:16 AM IST

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